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हौसले से दिव्यांग खिलाड़ी ने भरी सफलता की उड़ान, पैरा एशियन गेम में पदक जीत सपना किया सच

पंजाब के मालेरकोटला के मोहम्‍मद यासर ने हौसले के पंख से कामयाबी की उड़ान भरी। उन्‍होंने पैरा एशियन गेम में पदक जीत कर अपना सपना सच किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 08:36 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 08:36 PM (IST)
हौसले से दिव्यांग खिलाड़ी ने भरी सफलता की उड़ान, पैरा एशियन गेम में पदक जीत सपना किया सच
हौसले से दिव्यांग खिलाड़ी ने भरी सफलता की उड़ान, पैरा एशियन गेम में पदक जीत सपना किया सच

संगरूर, [मनदीप कुमार]। अगर हौसला हो तो न शारीरिक कमजोरी आपकी मंजिल तक पहुंचने में बाधक बनती है और न ही सपने ही टूटते हैं। इसे सच साबित कर दिखाया है मालेरकोटला के गांव मोहम्मदपुर के पैरा एशियन खिलाड़ी मोहम्मद यासर ने। यासर इसी हिम्मत व जुनून की बदौलत न सिर्फ अपना व अपने परिवार का नाम रोशन कर रहे हैं बल्कि पंजाब का नाम भी देश-दुनिया में चमकाया है। यासर ने एशियन खेलों में गोला फेंकने के मुकाबले में कांस्य पदक जीता है।

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पैरा एशियन मुकाबले में कांस्य पदक विजेता यासर को सरकार ने दी 50 लाख की मदद

इसके लिए पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने उन्हें 50 लाख रुपये पुरस्कार दिया। यासर कहते हैं कि यह राशि उनके लिए सम्मान नहीं, बल्कि इससे उनके हौसले को नई उड़ान मिलेगी। अब उनका सपना अगले वर्ष टोक्यो में होने वाले पैरा ओलंपियाड मुकाबलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है। इसके लिए वह दिन रात मेहनत कर रहे हैं।

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पिता चलाते हैं आटा चक्की

साधारण परिवार से संबंधित मोहम्मद यासर के पिता सौदागर खान गांव में ही आटा चक्की चलाते हैं। परिवार के पास खेती के लिए थोड़ी सी जमीन है। यासर के खेल को निखारने व विदेशों तक खेल मुकाबलों में भाग लेने के लिए  परिवार ने अपनी तरफ से काफी पैसा खर्च किया है। सपने को पूरा करने के लिए परिवार कर्ज भी लिया। पिता सौदागर ने कहा कि यासर की सफलता हम बेहद खुश हैं और उसके सपने को पूरा करने के लिए के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे।

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दस वर्ष की आयु में घर पर पशुओं के लिए हरा चारा काटते समय मशीन में मोहम्मद यासर का बायां हाथ कलाई के पास तक कट गया था,लेकिन यासर ने हिम्मत नहीं हारी। तारा विवेक कॉलेज गज्ज्णमाजरा में बीए की शिक्षा के दौरान एथलेटिक कोच हरमिंदरपाल सिंह घुम्मण की नजर यासर पर पड़ी तो उन्होंने उसकी प्रतिभा को पहचानकर उसे निखारने का काम शुरू किया।

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पैरा एशियन खेलों में फेंका था 14.23 मीटर दूर गोला

इंडोनेशिया के शहर जकार्ता में हुई पैरा एशियन खेल 2018 में यासर ने 14.23 मीटर दूरी पर गोला फेंककर कास्य पदक हासिल किया है।  2016 में पैरा नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया व शाटपुट एफ 46 में स्वर्ण पदक, पैरा स्टेट पंजाब की खेल जैवलिन थ्रो, शॉटपुट व डिस्कस थ्रो में दो स्वर्ण पदक व एक कांस्य पदक हासिल किया था।

दिल्ली में हुई राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी खेल में शॉटपुट व डिस्कस थ्रो में भी स्वर्ण पदक, सातवीं पैरा नेशनल चैंपियनशिप 2017 में जयपुर में हुई शॉटपुट में स्वर्ण पदक, वल्र्ड पैरा एथलेटिक ग्रैंड 2017 बिजिंग चीन में कांस्य पदक, पैरा वल्र्ड चैंपियनशिप 2017 लंदन में विश्व में सातवां स्थान हासिल कर मालेरकोटला व पंजाब का नाम रोशन किया। दुबई में हुई विश्व चैंपियनशिप 2019 व पेरिस में हुई ग्रैंड चैंपियनशिप 2019 में भी यासर ने पदक हासिल कर देश का नाम रोशन किया।

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'' पंजाब सरकार की तरफ से मिली 50 लाख की पुरस्कार राशि से ओलंपिक में पदक जीतने में मदद मिलेगी। वह इसे अपनी तैयारी पर खर्च करेंगे ताकि देश के लिए स्वर्ण पदक जीत सकें।

                                                                                           - मोहम्मद यासिर,पैरा एशियन खिलाड़ी।


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