Move to Jagran APP

आसमान से बरस रही आफत, किसानों के बह रहे आंसू

दिड़बा संगरूर तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जहां गांवों व शहरों की गलियों व सड़कों को पानी से लबालब कर दिया है वहीं धान की पक्की हुई फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। बारिश के धान बासपती की फसल धरती पर बिछ गई है। गांव हरीगढ़ के किसान दिलबाग ¨सह व गुरदीप ¨सह, गांव शादीहरी के किसान दर्शन ¨सह ने बताया कि पिछले तीन दिनों से तेज बारिश हो रही है, जिस कारण जल्दी पकने वाली धान की फसल बासमती को भारी नुकसान पहुंचा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 07:00 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 07:00 PM (IST)
आसमान से बरस रही आफत, किसानों के बह रहे आंसू
आसमान से बरस रही आफत, किसानों के बह रहे आंसू

जागरण टीम, संगरूर बरनाला :

loksabha election banner

पिछले तीन दिन से इलाके में हो रही बरसात किसानों सहित आम जनजीवन के लिए मुसीबत बनकर बरस रही है। किसानों में पकने की कगार पर खड़ी फसल जहां जमीन पर बिछ गई है, वहीं कम्मोमाजरा खुर्द में एक गरीब परिवार के मकान की छत गिर गई। छत गिरने से बेशक पारिवारिक सदस्य बाल-बाल बच गए, लेकिन घर का घरेलू सामान टूट-फूट गया। बरसात के कारण शहर की सड़कें भी बिखर गई हैं व जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी हुई है। संगरूर में सोमवार दिन में 9.4 एमएम बरसात हुई, जबकि पिछली रात 5.8 बरसात आंकी गई। संगरूर जिले में सबसे अधिक 41.0 एमएम बरसात मालेरकोटला में हुई। बरसात के कारण सब्जियों के दाम जहां आसमान छूने लगे हैं, वहीं सर्दी के मौसम के लिए बिजी गई फसल बर्बाद हो गई है।

उल्लेखनीय है कि बारिश ने जहां गांवों व शहरों की गलियों व सड़कों को पानी से लबालब कर दिया है, वहीं धान की पक्की हुई फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। बारिश के धान बासमती की फसल धरती पर बिछ गई है। गांव हरिगढ़ के किसान दिलबाग ¨सह व गुरदीप ¨सह, गांव शादीहरी के किसान दर्शन ¨सह ने बताया कि पिछले तीन दिनों से तेज बारिश हो रही है, जिस कारण जल्दी पकने वाली धान की फसल बासमती को भारी नुकसान पहुंचा है। इस बारिश से दिड़बा क्षेत्र के कई गांवों में फसलों का नुकसान हुआ है। कई खेत तो पानी से भरे होने के कारण फसल डूब गई है या फिर फसल धरती पर इस तरह बिछ गई है कि फसल को दोबारा संभालना मुश्किल है। धान की यह किस्म लगभग तैयार हो चुकी थी कुछ ही दिनों में कटाई करके मंडी में आने वाली थी, किंतु इस पक्की हुई फसल पर बेमौसमी तेज बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सख्त मेहनत से तैयार की फसल बारिश के कारण बर्बाद हो गई है। इस गिरी हुई फसल को भी मुश्किल से काटती है। मकान की गिरी छत, बाल-बाल बचा परिवार

गांव कंमोमाजरा निवासी होशियार ¨सह पुत्र मुख्तियार ¨सह के मकान की छत गिर गई। होशियार ¨सह ने बताया कि वह अपनी पत्नी जसवीर कौर, पुत्र सुखदीप ¨सह, मनजीत ¨सह व बुजुर्ग माता जीत कौर के साथ अपने घर पर सो रहे थे। रात को बरसात के कारण मकान की छत गिर गई, लेकिन परिवार बाल-बाल बच गया। छत के मलबे के कारण घर के कमरे में रखा सारा सामान तहस-नहस हो गया। ग्रामीणों ने मांग की कि होशियार ¨सह के हुए नुकसान का प्रशासन सरकार द्वारा मुआवजा प्रदान करें, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके। सब्जी काश्तकारों को भारी नुकसान

मालेरकोटला के नजदीकी गांव दलेलगढ़ के सब्जी काश्तकार हमीद उर्फ काला ने कहा कि उसने कुछ दिन पहले ही 12 एकड़ जमीन पर गोभी की काश्त की थी। जो अब अंकुरित होने को तैयार थी, जिसके लिए शुष्क मौसम होने जरूरी था, परंतु अब हुई बरसात के कारण यह हरी नहीं हो पाई है। 20 हजार रुपये प्रति एकड़ खर्च करके उसने काश्त की थी, लेकिन बरसात ने उसका भारी नुकसान कर दिया है। छह एकड़ फसल में लगाए करेले की बेल के फुल भी झड़ गए हैं, जिस कारण करेला भी बर्बाद हो चुका है। बासमती को अधिक नुकसान की संभावना

- कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी के सहायक निर्दशक डॉ.मनदीप ¨सह ने कहा कि 1509 धान की किस्म सहित अन्य कम समय में पकने वाली धान की फसलें पकने को पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। दो सप्ताह तक इनकी कटाई होने वाली थी, लेकिन बरसात के कारण मौसम ठंडा होने पर इनके झाड़ में गिरावट आने की संभावना है। किसानों से पहले ही बरसात के मद्देनजर फसल को पानी न लगाने की अपील की गई थी। सरकार स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दे : चीमा

क्षेत्र विधायक व विरोधी पक्ष के नेता हरपाल ¨सह चीमा ने किसानों की बारिश के बर्बाद हुई फसल संबंध किसानों से दुख सांझा करते कहा कि सरकार बारिश के कारण बर्बाद हुई फसल की स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दे, यदि सरकार इस मामले की तरफ ध्यान नहीं देती तो वह मामला विधानसभा में उठाएंगे। तहसीलदार दफ्तर से टपकने लगा पानी

दिड़बा: तीन दिनों से लगातार पड़ रही बारिश के कारण जहां गरीब लोगों के घर गिरने की कगार पर हैं वहीं स्थानीय तहसील दिड़बा का रजिस्ट्रेशन कम कंप्यूटर रूम की हालत खस्ता हो चुकी है। यह रूम कभी भी गिर सकता है, ¨कतु माल विभाग की इस कमरे की मरम्मत या रख-रखाव की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। पहले तो उसके फर्श की टाइलों के टूटने के कारण पूरा फर्श बुरी हालत में पहुंच चुका है। बारिश के कारण छत से पानी टपकना शुरु हो गया है। इस संबंधी नायब तहसीलदार गुरबंस ¨सह से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि तहसील की सभी समस्याओं संबंधी उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.