घग्गर नदी के पानी से तबाही जारी, रिहायशी इलाके व चंडीगढ़ मुख्य मार्ग भी डूबा
घग्गर नदी में आई दरार अभी तक नहीं भरी जा सकी है। एनडीआरएफ सेना जवान डेरा प्रेमियों शनिवार को खालसा एड की टीम भी राहत कार्य में जुटी है।
जेएनएन, मूनक (संगरूर)। घग्गर दरिया में पानी का बहाव तेज होता जा रहा है। इस कारण दरार को भरने का काम धीमी गति से चल रहा है। गांव मकौरड़ साहिब व फूलद के पास घग्गर दरिया में पड़ी दरार रविवार को 84 घंटे के बाद भी भरी नहीं जा सकी। अभी करीब 40 से 50 फीट तक दरार भरना बाकी है। इसमें दो दिन और लग सकते हैं। इससे हरियाणा के क्षेत्रों में पानी घुस गया है।
पानी से इलाके की सात हजार एकड़ से अधिक धान की फसल बर्बाद हो गई है। मूनक-पातड़ां-चंडीगढ़ रोड के दोनों तरफ पानी बह रहा है व यह मुख्य मार्ग भी डूबने लगा है। दर्जन के करीब गांव डूबे हुए हैं। रिहायशी इलाकों से निकलना मुश्किल हो गया है। सड़क मार्ग से गांवों का संपर्क टूट गया है।
प्रशासन खनौरी में पानी का स्तर गिरने के दावे कर रहा है, जबकि पानी का स्तर एक फीट से अधिक बढ़ गया है। घग्गर के पानी ने मूनक के नए बस स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया है। वहीं गांववासियों ने सरकारी मदद न मिलने पर रोष जताया है। बेशक एनडीआरएफ, सेना, डेरा प्रेमी, इलाके के लोग मदद में जुटें हैं, लेकिन हालात में कोई विशेष सुधार नहीं है।
केंद्र से उठाएंगे मुद्दा: मंत्री
जल संसाधन मंत्री सुखविंदर सिंह सरकारिया दरिया के दरार को भरने के काम का जायजा लिया, लेकिन घग्गर की समस्या के हल के बारे में कुछ जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने दावा किया कि भविष्य में इस प्रकार के हालात को रोकने के प्रयास होंगे। राज्य सरकार यह मुद्दा केंद्र सरकार के पास उठाउगी। हरियाणा से पानी का मुद्दा पिछले लंबे समय से चल रहा है।
सरकारिया ने कहा कि अधिक बारिश होने व टांगरी नदी में से कई गुणा अधिक पानी आने के कारण घग्गर में जल स्तर अधिक बढ़ गया है। इस कारण दरार पड़ गई है, लेकिन सरकार लोगों की जानमाल की रक्षा के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है। बर्बाद हुई फसल का किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए विशेष गिरदावरी करवाई जाएगी।
दूसरी तरफ दर्जन भर गांवों का संपर्क टूटने के कारण मूनक से आगे जाने के लिए 12 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करके जाना पड़ रहा है, जबकि लिंक सड़कों पर कई-कई फीट तक पानी जमा है। शहर के बस स्टैंड के नजदीक करीब 40 घरों की बस्ती में घग्गर के पानी से मकानों की चारदीवारी बैठने लगी है। इसे लेकर बस्ती में रहने वाले लोगों ने अपने घरों में पड़े सामान को सुरक्षित जगह पर ले जा रहे हैं।
मक्खू में सतलुज दरिया का जलस्तर बढ़ा, डूबी धान की फसल
क्षेत्र में सतलुज दारिया का जलस्तर बढ़ गया है। दरिया के नजदीक वाले कई निचले हिस्सों में धान की फसल डूब गई है। ऐसे में यदि जल्दी पानी की निकासी नहीं हुई तो फसल नष्ट होने की आशंका है।