आदि वासी आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंछित: गायकवाड़
संगरूर कला निर्माण मंच द्वारा कैप्टन हरजीत ¨सह सिद्धू मैमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से मराठी लेखक लक्ष्मण गायकवाड़ का रूबरू प्रोग्राम स्थानीय ई¨टग माल में करवाया गया। इस अवसर पर संबोधित करते उन्होंने कहा कि भारत में एक करोड़ आदिवासी लोग इस समय मनुष्य होते हुए भी पशुओं जैसा जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं।
जागरण संवाददाता, संगरूर : कला निर्माण मंच द्वारा कैप्टन हरजीत ¨सह सिद्धू मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से मराठी लेखक लक्ष्मण गायकवाड़ का रूबरू प्रोग्राम स्थानीय ई¨टग माल रेस्तरां में आयोजित किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते गायकवाड़ ने कहा कि भारत में एक करोड़ से अधिक आदिवासी लोग इस समय मनुष्य होते हुए भी पशुओं से बदतर जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। उन्हें अभी भी उनके माथे पर 1871 में अंग्रेजों द्वारा जन्म से ही लगाई अपराधी होने की मुहर के कारण लूट, चोरियों व अन्य केसों में फंसाया जाता है। इन लोगों के लिए न तो अभी तक शिक्षा प्रबंध है व न ही सेहत सुविधाएं दी गई। आदि काल से जंगलों में रहते आ रहे इन आदिवासियों से जंगल भी छीन लिए गए। इन लोगों की भलाई के लिए अभी तक भी महाराष्ट्र व अन्य राज्यों की सरकारों ने कोई बजट में नहीं रखा जाता। उनके मराठी नावल दुभंग के पंजाबी अनुवाद नावल मौत दे आलणे संबंधी डॉ. तेजवंत मान ने अपने विचार पेश किए। समागम में पूर्व डीन नर¨वदर ¨सह कौशल, प्रो. मीत खटड़ा, कृष्ण बेताब, डॉ. चरणजीत ¨सह उड़ारी, कॉमरेड भीम ¨सह, स्वर्णजीत ¨सह, जुझार ¨सह, डॉ. भू¨पदर ¨सह, गगनदीप ¨सह, जगतार सेखां आदि उपस्थित थे। स्टेज संचालन लेखक बूटा ¨सह चौहान ने किया। भगत बाबा नामदेव गुरुद्वारा कमेटी द्वारा प्रधान सुखदेव ¨सह रतन व कला निर्माण मंच द्वारा सुख¨वदर ¨सह पप्पी व बलवीर चंद लौंगोवाल द्वारा नकद राशि देकर सम्मानित भी किया।