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डीसी ने दिया जागरण के अभियान का सहयोग, किसानों से की पराली न जलाने की अपील

पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी व फार्म सलाहकार सेवा केंद्र द्वारा आओ धरती मां बचाएं, पराली को आग न लगाएं के उद्देश्य तहत खेड़ी फार्म पर एक दिवसीय किसान मेला लगाया गया। जिसमें 2 हजार से अधिक किसान पुरुषों व महिलाओं ने शिरकत की। इस किसान मेले में डीसी घनश्याम थोरी ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की। मेले दौरान संबोधित करते थोरी ने कहा कि पराली को आग लगाने से मनुष्य की सेहत व वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 07:38 PM (IST)
डीसी ने दिया जागरण के अभियान का सहयोग, किसानों से की पराली न जलाने की अपील

जागरण संवाददाता, संगरूर

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दैनिक जागरण ग्रुप द्वारा पराली नहीं जलाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे.. अभियान के तहत बुधवार को पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी व फार्म सलाहकार सेवा केंद्र द्वारा खेड़ी फार्म पर किसान मेला लगाया गया। किसान मेले में 1500 से अधिक किसानों ने शिरकत की। किसान मेले में डीसी घनश्याम थोरी ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की। मेले दौरान संबोधित करते थोरी ने कहा कि पराली को आग लगाने से मनुष्य की सेहत व वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए पराली को आग नहीं लगानी चाहिए। दैनिक जागरण व पंजाबी जागरण की ओर से प्रशंसनीय अभियान आरंभ किया है। सभी किसानों को इसका सहयोग करते हुए पराली न जलाने की शपथ लेनी चाहिए। 1 एकड़ की पराली जलाने से 1600 किलो जैविक कार्बन के अलावा 22 किलोग्राम नाईट्रोजन, 9.2 किलोग्राम फासफोर्स, 100 किलोग्राम पोटाशियम व 4.8 ग्राम गंधक का नुकसान हो जाता है। धुंए की जहरीली गैसें वातावरण को खराब करती हैं। आई जोन-1 लुधियाना के डायरेक्टर राजबीर ¨सह ने बताया कि केवीके खेड़ी द्वारा जिले में पराली के प्रबंधन संबंधी जानकारी देने के लिए गांवों में लगातार कैंप व प्रदर्शनियां लगाई जा रही हैं।

सहायक निर्देशक खोज पीएयू लुधियाना डॉ. अशोक कुमार ने किसानों को खेती विभिन्नता, एग्रो व सहायक धंधे अपनाने के लिए प्रेरित किया। सहायक निर्देशक पसार शिक्षा डॉ. दीदार ¨सह भट्टी ने पराली को जमीन में मिलाने की अपील की। एसोसिएट डायरेक्टर केवीके खेड़ी डॉ. मनदीप ¨सह ने मुख्य मेहमानों का स्वागत किया। फार्म सलाहकार सेवा केंद्र मुखी डॉ. बूटा ¨सह रोमाणा, मुख्य खेतीबाड़ी अफसर संगरूर डॉ. बलदेव ¨सह ने कहा कि छोटे किसान कस्टम हाई¨रग सेंटरों व सहकारी सभाओं से मशीनें किराए पर लेकर पराली की संभाल करते हैं। डॉ. महेश कुमार नारंग, डॉ. सुरजीत ¨सह, डॉ. गुर¨जदरपाल ¨सह, डॉ. अमरजीत ¨सह ने हाड़ी की फसलों के बीजों के संशोधन व बीमारियों की रोकथाम संबंधी जानकारी दी।

किसान मेले दौरान मुख्य मेहमान ने फसलों के अवशेष को आग न लगाने वाले 7 किसानों को इनाम देकर सम्मानित किया। मेले में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा खेती से संबंधित विभिन्न विभागों व कंपनियों, सैल्फ हेल्प ग्रुपों, किसानों व खेतीबाड़ी मशीनरी बनाने वाली फर्मों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए। मोबाइल वैन पर पराली प्रबंधन संबंधी चल रही फिल्मों में किसानों ने काफी रूचि दिखाई।


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