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संगरूर में करोड़ों की लागत से बने जच्चा-बच्चा केंद्र को उद्घाटन का इंतजार

साढ़े पांच करोड़ की लागत से सिविल अस्पताल संगरूर में बना माई दौलता जच्चा-बच्चा केंद्र का निर्माण संपन्न हुए बेशक एक वर्ष का समय हो गया है लेकिन आज भी यह केंद्र उद्घाटन को तरस रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 05:20 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 05:22 PM (IST)
संगरूर में करोड़ों की लागत से बने जच्चा-बच्चा केंद्र को उद्घाटन का इंतजार
संगरूर में करोड़ों की लागत से बने जच्चा-बच्चा केंद्र को उद्घाटन का इंतजार

मनदीप कुमार, संगरूर

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साढ़े पांच करोड़ की लागत से सिविल अस्पताल संगरूर में बना माई दौलता जच्चा-बच्चा केंद्र का निर्माण संपन्न हुए बेशक एक वर्ष का समय हो गया है, लेकिन आज भी यह केंद्र उद्घाटन को तरस रहा है। उद्घाटन के अभाव के कारण अभी तक इस केंद्र में जच्चा-बच्चा वार्ड को शिफ्ट नहीं किया गया है। लिहाजा आज भी सिविल अस्पताल का जच्चा-बच्चा केंद्र पुराने वार्ड में ही सीमित जगह पर चल रहा है। डिलीवरी के बाद महिला व नवजात को जल्दी छुट्टी करनी पड़ती है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर की आमद से पहले सिविल अस्पताल में माई दौलता जच्चा-बच्चा केंद्र की इमारत बनकर तैयार हो गई थी। तत्कालीन सेहतमंत्री बलवीर सिंह सिद्धू द्वारा इसका उद्घाटन किया जाना था, लेकिन नहीं हो पाया। कोरोनाकाल के दौरान इसे वैक्सीनेशन सेंटर व कोरोना के आइसोलेशन वार्ड के इस्तेमाल किया जाने लगा। अब वर्ष भर का समय गुजर जाने के बाद भी इसका उद्घाटन नहीं हो पाया। अस्पताल के गायनी वार्ड व बच्चों के वार्ड को इस इमारत में शिफ्त किया जाना है। इस केंद्र में 60 बिस्तर की व्यवस्था है जहां 50 बेड गर्भवती महिलाओं व 10 बिस्तर नवजात बच्चों के लिए रखे गए हैं। हर तरह की गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। प्रत्येक बेड को आक्सीजन सप्लाई के साथ जोड़ा गया है। केंद्र को आपरेशन थिएटर, लेबर रूम सहित अन्य आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। यहां तीन आपरेशन थिएटर बनाए गए हैं।

-------------------- हर माह होती हैं 400 से अधिक डिलीवरी

सिविल अस्पताल संगरूर में हर माह 400 से अधिक डिलीवरियां होती हैं। करीब 150 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी आपरेशन के जरिये होती है। अस्पताल के एकमात्र आपरेशन थिएटर में प्रत्येक माह सैकड़ों आपरेशन किए जाते हैं। हालांकि गर्भवती महिलाओं के आपरेशन को पहल दी जाती है, लेकिन अन्य मरीजों को आपरेशन करवाने के लिए कई-कई दिन का इंतजार करना पड़ता है। नए जच्चा-बच्चा केंद्र में अलग से आपरेशन थियेटर स्थापित किए गए हैं, जिनके चालू होने से गर्भवती महिलाओं को ही नहीं, बल्कि अस्पताल के अन्य मरीजों को भी आपरेशन के लिए राहत मिलेगी।

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मौजूदा जच्चा-बच्चा केंद्र अव्यवस्था का शिकार

सिविल अस्पताल संगरूर के मौजूदा जच्चा-बच्चा केंद्र जहां इलाके की आबादी व यहां होने वाली डिलीवरियों की गिनती के अनुपात अनुसार छोटा है, वहीं अव्यवस्था के कारण गर्भवती महिलाएं व उनके साथ आने वाले परिजनों को खासी परेशान झेलनी पड़ती हैं। मरीज के साथ आने वाले परिजनों को वार्ड से बाहर बैठा दिया जाता है, जिस कारण लाबी में ही भीड़-भाड़ का माहौल बना रहता है। गर्भवती महिला जसवीर के पति हरदेव सिंह, कविता के पति प्रवीण मिश्रा, मरीज के परिजन प्रीतपाल सिंह ने बताया कि वार्ड में व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। यहां गर्भवती महिलाओं की संभाल भी राम भरोसे ही है। मरीजों के प्रति स्टाफ का रवैया भी बेहद दुखदायी है। ऐसे में अगर नया जच्चा-बच्चा केंद्र आरंभ हो जाएं तो लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकती है।

---------------------- धरी रह गई तैयारियां, उपमुख्यमंत्री भी बैरंग लौटे

25 नवंबर को बेशक उपमुख्यमंत्री पंजाब ओपी सोनी ने सिविल अस्पताल के दौरा किया। इस दौरान उक्त एमसीएच केंद्र का उद्घाटन किए जाने की उम्मीद लगाई जा रही थी, लेकिन एनएचएम मुलाजिमों व आशा वर्करों के रोष प्रदर्शन के कारण यह प्रोग्राम रद कर दिया गया। ओपी सोनी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से ही वापस लौट गए। ऐसे में वर्ष भर से बनकर तैयार एमसीएच सेंटर शोपीस सफेद हाथी साबित हो रहा है। उद्घाटन के इंतजार में मरीज ही नहीं, बल्कि गायनी वार्ड के डाक्टर भी परेशान हैं। --------------------

उद्घाटन के लिए अभी नहीं तय तारीख : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन संगरूर डा. परमिदर कौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एमसीएच केंद्र की इमारत बनकर तैयार है। इसके उद्घाटन की अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। उद्घाटन के बाद ही यहां पर जच्चा-बच्चा वार्ड को शिफ्ट किया जाएगा।


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