संगठनों के सदस्यों ने खुद की गिरफ्तारी के लिए किया पेश
संवाद सहयोगी संगरूर आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन सीटू कुल हिद किसान सभा ने प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, संगरूर : आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन सीटू, कुल हिद किसान सभा, कुल हिद खेत मजदूर यूनियन ने संयुक्त तौर पर देशव्यापी जेल भरो आंदोलन के तहत डीसी आवास की तरफ रोष मार्च किया गया। चमक भवन में बैठक के बाद काफिले के रूप में संगठनों के कार्यकर्ता डीसी निवास की तरफ बढ़े। राष्ट्रीय उप प्रधान भूप चंद चन्नों, सीटू के महासचिव इंद्रपाल पुन्नावाल, कुल हिद खेत किसान सभा के प्रधान जरनैल सिंह जनाल, आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की सिंदर कौर बड़ी, मुलाजिम कार्यकर्ता मनजीत सिंह संगतपुरा व मनदीप कुमारी की अगुआई में किए गए आंदोलन में ट्रेड यूनियनों द्वारा अपनी मांगों को लेकर आवास की तरफ गिरफ्तारी देने के लिए रोष मार्च कर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। पुलिस ने बरनाला चौक के समीप नाकाबंदी करके प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक लिया व मौके पर पहुंचे डीएसपी सतपाल शर्मा द्वारा आश्वासन दिलाए जाने के बाद संगठनों ने रोष मार्च समाप्त किया। रोष प्रदर्शन के दौरान उक्त कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति देश की शैक्षणिक दशा को खराब कर देगी। निजीकरण को बढ़ावा देने वाली शिक्षा नीति बनाई गई है। ईसीसीई पालिसी पिछले 42 वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा दी जा रही है उसका जिक्र पालिसी में कहीं भी नहीं है। इसी वजह से देश की 26 लाख आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों को रोजगार समाप्त होने का डर है। पंजाब सरकार यह पालिसी 2017 में शुरू करते हुए पंजाब के आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने पर तुली है। कड़े संघर्षों के बाद सरकारों के इस फैसलों को वापस करवाया गया था। आज केंद्र सरकार के फैसले ने दोबारा से उसी मोड़ पर खड़ा कर दिया है। उन्होंने ईसीसीई पालिसी के तहत प्री-स्कूली शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा देने को यकीनी बनाने, पंजाब सहित देश की 26 लाख औरतों के रोजगार की गारंटी देने, आंगनबाड़ी हेल्परों व वर्करों को मानते हुए कम से कम वेतन के घेरे में लाने, न्यूनतम वेज के तौर पर 25 हजार रुपये महीना करने, आंगनबाड़ी वर्करों को रिकवर बीमा में शामिल करते हुए 50 लाख बीमा देने, ईसीसीई शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्र में ही देनी यकीनी बनाने, सारी सुरक्षा मुहैया करवाते हुए बीमा रिकवर में शामिल करने, आशा वर्करों को कोरोना महामारी में 10 हजार रुपए प्रति महीना कोविड भत्ता देने की मांग की। साथ ही जरूरतमंदों को मुफ्त में राशन व गैर टैक्स परिवारों के लिए छह महीने के लिए प्रति महीना 7500 रुपये प्रति महीना देने, सार्वजनिक सेहत प्रणाली व सेहत ढांचे को मजबूत करने, सेहत पोषण व शिक्षा सहित बुनियादी सेवाओं का निजीकरण करने की योजनाएं वापस लेने की मांग की। मौके पर वीरइंदर कौशिक, चमकौर सिंह, सरबजीत कौर, इंदरजीत छन्ना, दर्शन सिंह लाडी, जसविदर कौर नीलोवाल, राम सिंह सोहियां, दर्शन सिंह मट्टू, नछत्तर सिंह सहित अन्य उपस्थित थे। अंत में डीएसपी सतपाल शर्मा ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाएंगे।