सीएए के विरोध में 72 संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया रोष प्रदर्शन
अनाज मंडी में विशाल रोष रैली करके केंद्र सरकार के खिलाफ 72 संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रोष जाहिर करते हुए कानून तुरंत रद करने की मांग की।
जेएनएन, मालेरकोटला (संगरूर) : केंद्र सरकार पास किए गए सीएए, एनपीआर, एनआरसी के खिलाफ मालेरकोटला में चल रहे पक्के मोर्चे के तहत रविवार को अनाज मंडी में विशाल रोष रैली करके केंद्र सरकार के खिलाफ 72 संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रोष जाहिर करते हुए कानून तुरंत रद करने की मांग की। पंजाब भर से मुस्लिम संगठनों सहित पंजाब के खेत मजदूरों, किसानों, बिजली कर्मियों, नौजवानों व छात्रों की संघर्षशील जत्थेबंदी ने शिरकत की। रैली के दौरान मुस्लिम महिलाओं सहित भारी संख्या में महिलाओं सहित विभिन्न धर्मों व समुदायों ने शिरकत करते काले कानूनों का विरोध किया। रैली में दिल्ली के शाहीन बाग, जामिया मिलीया इस्लामिया यूनिवर्सिटी व कांरवा-ए-मोहब्बत के डेलिगेशनों ने भी शिरकत की।
रैली के दौरान एकत्रित हुए जनसमूह ने एलान किया की आरएसएस, भाजपा व केंद्रीय सरकार द्वारा देश में फिरकू बांट करवाने, अंधा राष्ट्रवाद भड़काकर लोगों की लूट करने की चाह को वह सफल नहीं होने देंगे। रैली के दौरान कार्यकर्ताओं ने एलान करते हुए 24 से 29 फरवरी तक पंजाब भर में विरोध सप्ताह मनाने का ऐलान किया। कार्यकर्ताओं ने पंजाब की कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्रीय सरकार ने बहाने बनाकर काले कानून को लागू करने की कोशिश की, तो वह पंजाब के लोगों के तीखे संघर्ष का सामना करने के लिए तैयार रहें। रैली में भाकियू एकता उगराहां के प्रधान जोगिदर सिंह, भाकियू एकता डकोंदा के प्रधान बुटा सिंह, हर्ष मंडेल, जामीया यूनिवर्सिटी के छात्र सैफ उल इस्लाम, जगमोहन सिंह, डॉ. परमिदर, देश भगत यादगार कमेटी जालंधर ने कहा कि काले कानून सीएए, एनआरसी व एनपीआर के काले कानून द्वारा मोदी सरकार देश में फिरकू बांट करवाना चाहते हैं। इस मौके पर टेक्सटाइल होजरी के प्रधान राजविदर सिंह, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के कन्वीनर कंवलजीत सिंह, लक्ष्मण सिंह, होशियार सिंह, पीएसयू ललकार के प्रांतीय अमनदीप, सुरिदर सिंह, हरजिदर सिंह, लखविदर सिंह, हरिदर बिदू, अमरजीत कौैर, नमिता, अश्विनी घुद्दा, हरशा सिंह, अमोलक सिंह, अब्दूल शकूर, कुलवंत सिंह उपस्थित थे।
यह पेश की मांगें
संगठनों ने सीएए, एनआरसी, एनपीआर के कानूनों को वापस, कानूनों का विरोध कर रहे लोगों पर दर्ज किए मामले रद करने, गिरफ्तार किए गए बुद्धिजीवियों को रिहा करने, जेएनयू व जामिया यूनिवर्सिटी सहित अन्य जगहों पर अत्याचार करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, जेएनयू में गुंडागर्दी करने वालों पर कार्रवाई करने, गारगी कॉलेज में महिलाओं का शोषण करने वालों पर कार्रवाई करने, कश्मीरियों पर थोपे तानाशाही पाबंदियों को हटाने, धारा 370 व 35ए रद करने का फैसला वापस लेने की मांग की।