द इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज करवाने पर किया सम्मानित
संगरूर पंचकुला के आरूष जैन ने राष्ट्रीय रिकार्ड स्थापित कर द इंडिया बुक आफ रिकार्डस में अपना नाम दर्ज करवाया है। यह पुस्तक भारत की प्रतिष्ठित रिकार्ड पुस्तकों में से एक है। उसे अपनी असाधारण प्रतिभा दिखाने के लिए शीर्षक मिला यंगेस्ट टू प्रोनाउनस इंग्लिश वाईस इन रिवर्स पैटर्न। आरूष जैन सेक्टर 21 पंचकुला हरियाणा का निवासी है।
जागरण संवाददाता, संगरूर : 60 सेकेंड में 43 शब्दों को रिवर्स में बोलकर द इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाने वाले पंचकुला निवासी छह वर्षीय आरुष जैन शनिवार को जैन स्थानक संगरूर में अपने परिजनों सहित जैन संतों के दर्शन के लिए शिरकत की। एसएस जैन सभा के मंत्री सत्भूषण जैन ने बताया कि आरुष शनिवार को अपनी माता श्रुति जैन, दादी व दादा पीके जैन के साथ प्रवचन भास्कर अजित मुनि महाराज, मधुर वक्ता नवीन मुनि महाराज के दर्शन व उनका आशीर्वाद लेने के लिए जैन स्थानक में पहुंचे। जैन समाज द्वारा आरूष का इसकी इस उपलब्धि पर विशेष सम्मान किया गया। सभा में शामिल कई लोगों ने उससे सवाल किए जिनका उसने शत प्रतिशत सही जवाब दिया। पंचकुला के आरूष जैन ने राष्ट्रीय रिकार्ड स्थापित कर द इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया है। यह पुस्तक भारत की प्रतिष्ठित रिकार्ड पुस्तकों में से एक है। उसे अपनी असाधारण प्रतिभा दिखाने के लिए शीर्षक मिला यंगेस्ट टू प्रोनाउंस इंग्लिश वाइएस इन रिवर्स पैटर्न। आरूष जैन सेक्टर 21 पंचकुला हरियाणा का निवासी है। वह 15 जुलाई 2012 को पैदा हुआ और वर्तमान में सेंट कबीर पब्लिक स्कूल चंडीगढ़ की केजी कक्षा में पढ़ाई कर रहा है, उसके पास अंग्रेजी शब्दों को विपरित रूप उच्चारण करने की एक अनूठी प्रतिभा है। जबकि उसकी आयु का कोई बच्चा सही ढंग से शब्दों को पढ़ने के लिए संघर्ष करेगा, वहीं आरूष आश्चर्यजनक रूप से उन्हें विपरित में उच्चारण कर देता है वह भी तुरंत। इस बच्चे ने अपने दिमागी कौशल के प्रदर्शन से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। सन 5 सितंबर 2018 को द इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के हेड आफिस में निर्णायक मंडल द्वारा पूछे गए सभी शब्दों का सही तरीके से उत्तर देकर यह रिकार्ड स्थापित किया। इसके लिए उसे प्रमाणपत्र, स्वर्ण पदक, अद्वितीय आइबीआर पेन, संबंधित संस्था से आईडी और रिकार्ड धारक स्टिकर प्राप्त हुए। भारत में लगभग 15 से अधिक राज्यों की यात्रा कर ली है, जिसमें लद्दाख की सड़क यात्रा भी शामिल है। आरूष के पिता जतिन जैन व माता श्रुति जैन ने कहा कि इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज होने के बाद उन्होंने गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड के लिए आरूष का नाम भेजने का निर्णय लिया है। उन्हें पूर्ण आशा है कि वह इसे स्वीकार कर लेंगे। आरूष के दादा पीके जैन ने बताया कि यूनिवर्सिटी आऊ वियतनाम से मिस्टर आरूष को पीएचडी इन रिवर्स इंग्लिश का आफर आया है।