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नंगल डैम झील का तटवर्ती इलाका बना वन्य जीवों की शरणस्थली

वादियों में पड़ रही धुंध के चलते जंगलों से शहर की तरफ भटककर आ रहे वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 10:18 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:11 AM (IST)
नंगल डैम झील का तटवर्ती इलाका बना वन्य जीवों की शरणस्थली
नंगल डैम झील का तटवर्ती इलाका बना वन्य जीवों की शरणस्थली

सुभाष शर्मा, नंगल

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वादियों में पड़ रही धुंध के चलते जंगलों से शहर की तरफ भटककर आ रहे वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तो दिन के समय ही जंगली जीव शहर के अंदर आम देखे जा रहे हैं। नंगल डैम झील के आस-पास झाड़ियों में छिपकर जंगली जीव राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं। जंगलों में लगातार जानवरों के लिए कम होती जा रही हरियाली व खाने पीने की सामग्री के अभाव कारण वन्य प्राणी भूख मिटाने के लिए शहर में पहुंच रहे हैं। इनमें नील गाय,सूअर व कक्कड सहित अन्य जानवरों की संख्या ज्यादा है। नया नंगल में रात 11 बजते ही सड़कों पर पहुंच रहे जानवरों को आम देखा जा सकता है। घनी आबादी में पहुंचने के बाद भोले-भाले जंगली जीव भटक जाने की वजह से नहरों में गिर रहे हैं तथा सड़कों पर भी आकर आए दिन हादसों को अंजाम दे रहे हैं। छिपने के लिए जगह ढूंढने के चक्कर में तेज दौड़कर ये जानवर सड़कों पर पहुंच रहे हैं। उधर ग्रामीण इलाकों में भी जंगली जानवर किसानों के लिए भारी मुसीबत बने हुए हैं। स्वामीपुर बाग, पींघबड़, मोरबड़ी, खेड़ा बाग, तलवाड़ा, बरमला, मेघपुर, नंगल निक्कू, माणकपुर व डूकली आदि दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां शिवालिक पहाड़ियों से आने वाले जंगली जानवर फसलों को लंबे समय से नुकसान पहुंचा रहे हैं। हो चुके हैं कई हादसे दो साल पहले बिभोर साहिब के अभिषेक की बाइक बारह सिंगा से टकरा गई थी, जिससे वह जहां बुरी तरह से घायल हो गया था, वहीं बारहसिंगा भी दम तोड़ गया था। वहीं गत चार जुलाई को शिवालिक एवेन्यू के पास एनएच पर अचानक सड़क पर आए कक्कड़ के टकराने से अमृतसर से आ रही एक जाइलो गाड़ी आग का गोला बनकर पूरी तरह राख हो गई थी। इसके अलावा पिछले दो सालों में दर्जन से अधिक हादसे मुख्य मार्ग पर वन्य प्राणियों की वजह से हो चुके हैं। झील किनारे जालियां लगाने का काम शुरू

फोटो 17 एनजीएल 02 में है। उधर बीबीएमबी नंगल प्रशासन ने जंगली जानवरों से निपटने के लिए इंतजाम शुरू किया है। डिप्टी चीफ इंजीनियर एचएल कंबोज ने बताया कि नंगल डैम झील के किनारों पर आठ फीट ऊंची जालियां लगाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस व्यवस्था से जंगली जानवर शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।जंगली जानवर शहर में काफी नुकसान कर रहे हैं। इसके मद्देनजर ही जालियां लगाने का कार्य शुरू किया गया है। 80 लाख से लगेंगी लोहे की जालियां

वहीं नगर कौंसिल के चेयरमैन अशोक पुरी ने कहा है कि नया नंगल में हिमाचल सीमा से सटे इलाके तथा मोजोवाल मार्ग पर सतलुज दरिया की तरफ से आने वाले जंगली जानवरों को रोकने के लिए प्लान तैयार कर दिया गया है। आठ फीट ऊंची लोहे की जालियां लगाने के लिए 80 लाख का प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है। जल्द प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।


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