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प्रशासनिक अधिकारियों ने पूछा पीड़ितों का हाल

नूरपुरबेदी में बुधवार को आगजनी की घटना में 300 झुग्गियों के राख होने के 4 दिन बाद शनिवार को जिला प्रशासन गहरी नींद से जाग गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 09:47 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 09:47 PM (IST)
प्रशासनिक अधिकारियों ने पूछा पीड़ितों का हाल

जागरण टीम, नूरपुरबेदी

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नूरपुरबेदी में बुधवार को आगजनी की घटना में 300 झुग्गियों के राख होने के 4 दिन बाद शनिवार को जिला प्रशासन गहरी नींद से जाग गया। डीसी रूपनगर गुरनीत तेज द्वारा एडीसी (ज) रूपनगर लखमीर ¨सह के नेतृत्व में गठित की गई 5 सदस्यी जांच कमेटी ने शनिवार को घटनास्थल का दौरा किया। इस मौके जांच कमेटी में एडीसी सहित अन्य उच्चाधिकारियों ने पीड़ित परिवारों का हाल जान तथा आगजनी की घटना के संबंध में जानकारी भी हासिल की। उल्लेखनीय है कि 23 मई बुधवार को शाम के 4 बजे के करीब नूरपुरबेदी बस अड्डे के निकट मजदूर परिवारों की 300 झुग्गियां पूरी तरह से जल गई थीं। हालांकि इस घटना में कोई जानी नुकसान होने से बचाव हो गया है, लेकिन पीड़ित परिवारों का सारा सामान तथा झुग्गियां जल गई। इस घटना के तुरंत बाद विभिन्न संगठन अपने स्तर पर पीड़ितों की सहायता करने में जुट गए तथा अभी तक पीड़ितों में करीब 10 लाख रुपए की सहायता राशि अनाज, कपड़े, बर्तन तथा आशियाना बनाने के लिए सामान वितरित किया जा चुका है। डीसी रूपनगर द्वारा गठित की गई 5 सदस्यी जांच कमेटी में शामिल एडीसी (ज) रूपनगर लखमीर ¨सह, एसडीएम आनंदपुर साहिब राकेश गर्ग, एसपी (डी) आनंदपुर साहिब र¨मदर ¨सह, रूपनगर से फायर अधिकारी धर्मेंद्र ¨सह तथा पावरकॉम के एक्सईएन इंजीनियर हर¨वदर ¨सह भट्ठल द्वारा घटनास्थल का जायजा लिया गया। इस दौरान जांच कमेटी द्वारा आग लगने के कारणों का पता लगाने के संबंध में जांच की गई। इस मौके कमेटी के सदस्यों ने बताया कि वे डीसी रूपनगर के आदेशों पर यहां पहुंचे हैं तथा घटना के कारणों तथा नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर सोमवार को डीसी रूपनगर को पेश करेंगे। इस मौके नायब तहसीलदार नूरपुरबेदी अमनदीप चावला, एसडीओ पावरकॉम नितिन जसवाल आदि उपस्थित थे।

इस मौके एडीसी (ज) लखमीर ¨सह ने कहा कि आग लगने के ठोस कारणों के संबंध में पता नहीं चल सका है। देर से मिला इंसाफ कोई इंसाफ नहीं

इस मौके सहायता कमेटी के नेताओं इकबाल ¨सह लालपुर, गुरनैब ¨सह, पंडित राम तीर्थ आदि ने जिला अधिकारियों के दौरे के संबंध में कहा कि देर से मिला इंसाफ, कोई इंसाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को इस घटना के तुरंत बाद फौरी कार्रवाई करते हुए पीड़ितों की सहायता करनी चाहिए थी। जो कार्य प्रशासन को करने चाहिए थे वे लोगों को करने पड़ रहे हैं तथा क्षेत्रवासियों ने इंसानियत के नाते अपने फर्ज को बखूबी निभाया है।


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