विजय मशाल का किया स्वागत, शहीदों को दी श्रद्धांजलि
भारत को वर्ष 1971 में प्राप्त हुई भारत-पाक युद्ध की सेन्य जीत के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, नंगल : भारत को वर्ष 1971 में प्राप्त हुई भारत-पाक युद्ध की सेन्य जीत के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य पर शहीदों के सम्मान में भारत यात्रा पर निकाली गई स्वर्णिम विजय वर्ष मशाल को अंतिम पड़ाव में पंजाब के होशियारपुर वज्र कार्प्स द्वारा समीपवर्ती ऊना के शहीद स्मारक में लाया गया। कमाडर फ्लेमिंग एरो ब्रिगेड और वार वेटरंस द्वारा विजय मशाल टीम का बैंड प्रदर्शन में शहीद धुन बजाकर मशाल टीम के साथ विजय मशाल का भव्य स्वागत करते हुए शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धाजलि दी।
इस दौरान वार वेटरंस ने भी यादों को साझा किया। कमाडर फ्लेमिंग एरो ब्रिगेड द्वारा युद्ध वीरों, वीर नारियों और शहीदों के परिजनों को राष्ट्र के प्रति उनके अतुलनीय योगदान और सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने सेना को बधाई देते हुए सेना के शौर्य व पराक्रम को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि देश के लिए यह गौरवशाली क्षण है क्योंकि देश के शूरवीरों ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया। भविष्य में भी कई बड़ी चुनौतिया हैं, जिनका हम सब को मिलकर सामना करना है। इसके बाद युद्ध वीरों ने विजय मशाल की यात्रा को अगले पड़ाव माधोपुर की ओर रवाना करने के लिए मशाल टीम को सौंपी।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल महेंद्र सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रकाश चंद राजपूत सेना मेडल 1971 वार, कैप्टन सुखदेव सिंह वीरचक्र 1971 वार, कर्नल सिजात्रा, कर्नल सतदेव सिंह, उपनिदेशक सैनिक कल्याण मेजर रघवीर सिंह, उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा देवेंद्र चंदेल, कैप्टन शक्ति चंद, लेफ्टिनेंट ओपी शर्मा सहित सेना के अधिकारी, वीर नारिया व भूतपूर्व सैनिक व उनके परिजन उपस्थित रहे।