बच्चों के लिए तीन दिन में हजार किलोमीटर साइकिल चला पहुंचा घर
लॉकडाऊन के बीच बाहरी राज्यों के मजदूर अपने राज्यों को लौटने के लिए उतावले हो रहे हैं वहीं घनौली के पास के गांव डंगौली के भट्ठे पर काम करते मजदूर को उसके बच्चों का प्यार उसे उत्तर प्रदेश से पंजाब खींच लाया और वो साढ़े तीन दिन में (संभल) उत्तर प्रदेश से एक हजार किलोमीटर का रास्ता साइकिल पर तय करके यहां पहुंच गया।
संवाद सूत्र, घनौली : लॉकडाऊन के बीच बाहरी राज्यों के मजदूर अपने राज्यों को लौटने के लिए उतावले हो रहे हैं, वहीं घनौली के पास के गांव डंगौली के भट्ठे पर काम करते मजदूर को उसके बच्चों का प्यार उसे उत्तर प्रदेश से पंजाब खींच लाया और वो साढ़े तीन दिन में (संभल) उत्तर प्रदेश से एक हजार किलोमीटर का रास्ता साइकिल पर तय करके यहां पहुंच गया।
गांव डंगोली में पहुंचे 49 वर्षीय जगदीश पुत्र लखन सिंह ने बताया कि उसके सात बच्चे हैं और वह गांव में एकेएम ईंटों के भट्ठे पर काम करता है। लॉकडाऊन से पहले वह अपने घर गांव सावली जिला संबल (उत्तर प्रदेश) गया हुआ था और लॉकडाऊन के कारण वहीं रह गया, जबकि उसके बच्चे यहां पढ़ते हैं। यातायात के सभी साधन बंद होने के कारण उसे अपने बच्चों के पास लौटने का कोई प्रबंध न होते दिखा तो वह अपने घर खड़े पुराने साइकिल को उठाकर डंगोली के लिए निकल पड़ा। उसे रास्ते में कई जगह पर नाकेबंदी के दौरान रोका गया लेकिन वह अपने बच्चों का हवाला देकर और मिन्नतें करके नाके से गुजरता रहा और आखिर साढ़े तीन दिनों के उपरांत बीते दिन दोपहर समय गांव डंगोली पहुंच गया। उसने बताया कि साढ़े तीन दिनों के सफर के दौरान उसे दो चार स्थानों पर खाने पीने का सामान मिला और बाकी का सफर भूखे ही तय करता रहा।
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14 दिन के लिए भट्ठे बने घर पर ही किया एकांतवास
स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ इंस्पेक्टर जसविदर सिंह ने बताया कि उनको ग्राम पंचायत डंगोली से सूचना मिली तो मौके पर पहुंच कर उक्त व्यक्ति की सेहत की जांच करने के उपरांत उसे 14 दिनों के लिए घर में ही एकांतवास कर दिया है।