स्पीकर दफ्तर के सामने अध्यापकों ने किया रोष प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, नंगल : शहर में मंगलवार को एसएसए तथा रमसा अध्यापकों ने अपने रोष प्रदर्शन को जारी रखते हुए पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह के नंगल दफ्तर के आगे पंजाब सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, नंगल : शहर में मंगलवार को एसएसए तथा रमसा अध्यापकों ने अपने रोष प्रदर्शन को जारी रखते हुए पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह के नंगल दफ्तर के आगे पंजाब सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। अध्यापकों को रेगुलर करने की माग को लेकर किए रोष प्रदर्शन में बोलते हुए अध्यापकों के साझा मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि अध्यापकों के वेतन में 75 प्रतिशत कटौती करना सरासर अन्याय है। रोष प्रदर्शन में बोलते हुए राजेंद्र बाली, गुरविंदर सिंह, परमिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार अध्यापकों के साथ अन्याय कर रही है। विभाग में रेगुलर करने के नाम पर 42800 रुपये प्रति महीना वेतन की बजाय मात्र 15000 रुपये प्रतिमाह वेतन देने का फैसला करके अध्यापक वर्ग से अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में पारित किया गया 15000 रुपये प्रतिमाह वेतन का फैसला तर्कसंगत नहीं है। इस वजह से अध्यापकों के साझा मोर्चा को अपना संघर्ष तेज करना पड़ा है जिसके तहत आदर्श मॉडल अध्यापक पटियाला में 7 अक्टूबर को मौन व्रत पर बैठ गए हैं। आगे भी इस संघर्ष को तब तक जारी रखा जाएगा जब तक जायज माग पूरी नहीं की जाती।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने तुरंत फैसला वापस नहीं लिया व निलंबित किए अध्यापकों की सेवाएं तुरंत बहाल नहीं की तो संघर्ष को और तेज कर दिया जाएगा जिससे उत्पन्न परिणामों की जिम्मेदारी और पंजाब सरकार की होगी।
रोष प्रदर्शन में अध्यापक संगठनों के प्रतिनिधि युद्धवीर सिंह, राजेश राणा, अमरदीप सिंह, दीपक राणा, सुखजीत सिंह, कुलवंत सिंह, जितेंद्र कौशल, प्रवीन कुमार, ओंकार सिंह, सुखदेव सिंह, नीरज शर्मा, पलविंदर सिंह, दीपक कुमार, विकेश कुमार, सुधीर कुमार, सुरजीत राम, शैली पुरी, कुलजिंदर कौर, राजवीर कौर, मंजीत कौर, गुरपिंदर कौर, मीनाक्षी, रजनी वर्मा, जसप्रीत कौर, सुरेश कुमारी, राज रानी, वंदना, गगन आदि सहित भारी संख्या में शामिल हुए अध्यापकों ने नंगल भाखड़ा मार्ग पर नहर के पुल पर धरना देकर भी रोष प्रदर्शन किया। जाम लगने के कारण काफी देर तक मार्ग पर ट्रैफिक का ताना-बाना उलझा रहा। इस प्रदर्शन में अध्यापकों के बच्चे व परिजन भी मौजूद थे।