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एक माह में काटे 353 चालान, फिर भी नहीं मान रहे वाहन चालक

यातायात नियमों का पालन अगर आम लोग सख्ती एवं ईमानदारी से करने लगें तथा इस मामले में यातायात पुलिस भी सही रुख अपनाने लगे तो निश्चित रूप से सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 02:28 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 02:28 PM (IST)
एक माह में काटे 353 चालान, फिर भी नहीं मान रहे वाहन चालक
एक माह में काटे 353 चालान, फिर भी नहीं मान रहे वाहन चालक

संवाद सहयोगी, रूपनगर: यातायात नियमों का पालन अगर आम लोग सख्ती एवं ईमानदारी से करने लगें तथा इस मामले में यातायात पुलिस भी सही रुख अपनाने लगे, तो निश्चित रूप से सड़क हादसों में कमी लाई जा सकती है। ऐसा तभी संभव नहीं हो पाता, क्योंकि हर स्तर पर वोट की राजनीति नियमों पर हावी होने के चलते न तो कोई यातायात नियमों में खुद को बाध्य करता है और न ही यातायात पुलिस पूरी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा पाती है। ट्रैफिक इंचार्ज एएसआई सीता राम के अनुसार उनकी टीम ने पिछले एक माह के दौरान मास्क न डालने वालों के जहां 450 चालान करते हुए प्रति व्यक्ति पांच सौ रुपये की वसूली की है, वहीं इसके अलावा यातायात नियमों की खिल्ली उड़ाने वालों के 353 चालान अलग से किए गए हैं। पिछले एक माह के दौरान नो एंट्री के 20, बिना नंबर वाहनों के 30, ओवरलोडिग के 55, बिना सीट बेल्ट के 90, प्रेशर हार्न बजाने पर 60, बिना हेलमेट के 35, मोबाइल सुनते वाहन चलाने वालों के 28, जबकि बिना डीएल वाहन चलाने वालों के 35 चालान काटे गए हैं। उन्होंने कहा कि चालान काटने के साथ हर किसी को समझाया भी जाता है, ताकि वो भविष्य में यातायात नियमों का बाध्य रहे। वहीं देख जाए तो इसके बाद भी वाहन चालक नियमों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। रूपनगर शहर की अगर बात करें तो पुराना शहर होने के कारण यहां तंग गलियों व मोहल्लों की भरमार है । लगभग सारी गलियां व मोहल्ले मुख्य मार्गों के साथ जुड़े हुए हैं। शहर के अंदर वाहन चलाने वाले अकसर यातायात नियमों को ठेंगा दिखाने में अपनी शान समझते हैं। अपनी सुविधा के लिए गलत साइड वाहन चलाना शहर के ज्यादातर युवा ही नहीं, बड़े भी अपना अधिकार समझते हैं। वैसे तो हर साल यातायात पुलिस बाकायदा यातायात जागरूकता पखवाड़ा मनाते हुए लोगों को जागरूक करती है, लेकिन आज की युवा पीढ़ी पर इसका कोई असर दिखाई नहीं पड़ता। शहर के अंदर बिना सीट बेल्ट व बिना हेलमेट वाहन चलाने के साथ नशा करते हुए वाहन चलाना, मोबाइल सुनते हुए वाहन चलाना, नाबालिग बच्चों का वाहन चलाना तथा सड़कों पर जहां चाहे वहीं वाहन पार्क करते हुए अपने काम को अंजाम देना शहर के ज्यादातर लोग अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। यातायात पुलिस की तैनाती चाहे शहर के हर चौराहे पर रहती है, लेकिन यातायात नियमों का उलंघन करने वालों पर पूरी तरह से शिकंजा कस पाना संभव नहीं हो रहा है। वर्तमान में बात करें तो रूपनगर की यातायात पुलिस ने अपनी कार्यप्रणाली में काफी बदलाव किया है, जिसका प्रमाण है कि वाहन चालकों में पुलिस का डर दिखने लगा है। इससे चालान की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की जाने लगी है। अब ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात स्टाफ पूछताछ करने के बजाय कार्रवाई पर ज्यादा ध्यान देने लगा है।

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