विद्यार्थियों ने किया कमाल का आविष्कार, नेत्रहीनों के लिए वरदान हाेगा यह खास स्मार्टफोन
पंजाब के रुपनगर आइआइटी के विद्यार्थियों ने एक खास स्मार्ट फोन बनाया है। यह स्मार्ट फोन नेत्रहीनों को बोलकर बताएगा कि नोट कितने का है।
रूपनगर, जेएनएन। यहां आइआइटी ने विद्यार्थियों ने कमाल की खोज की है और नेत्रहीनों के लिए खास स्मार्ट फाेन बनाया है। जिन लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर है या जो बिल्कुल नहीं देख पाते हैं, वह अब नोटों के मामले में ठगी का शिकार नहीं होंगे। दृष्टिबाधित लोगों के लिए आइआइटी रूपनगर के विद्यार्थियों ने 'रोशनी' एप्लीकेशन तैयार की है। इस एप के कारण स्मार्ट फोन बोलकर बताएगा कि नोट कितने का है।
स्मार्ट फोन बोल कर बताएगा कितने का है नोटआइ, आइटी रूपनगर की टीम ने तैयार किया एप
आइआइटी रूनपगर के डायरेक्टर डॉ. सरित कुमार दास ने बताया कि नोटबंदी के बाद जब नए नोट आए तो नेत्रहीन लोगों के लिए समस्या खड़ी हो गई थी। पहले वे नोट के आकार से पता लगा लेते थे, लेकिन अब उन्हें परेशानी आ रही है। इस एप को इमेज प्रोसेसिंग और एनालिटिक्स का प्रयोग करते हुए तैयार किया है।
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उन्होंने बताया कि इसको एंड्रॉयड स्मार्टफोन में डाउनलोड करते ही ये कैमरा से लिंक हो जाएगा। जब भी कैमरा ऑन करके नोट सामने लाया जाएगा, तो ये एप ऑडियो स्पीकर के जरिये बता देगा कि नोट कितने रुपये का है। रोशनी पहला ऐसा एप है जो भारतीय मुद्रा को सबसे बेहतर तरीके से पहचानता है।
एप में 13 हजार नोटों का डाटाबेस
'रोशनी' एप के तैयार करने वाले आइआइटी के प्रोफेसर डॉ. पुनीत गोयल का कहना है कि यह एआइ आधारित एप्लीकेशन है। इसमें नोटों की 13 हजार से अधिक पिक्चर का डाटाबेस तैयार किया है। इस एप्लीकेशन को डिजाइन करने के बाद परखा गया है। उनके साथ इस प्रोजेक्ट में पीएचडी स्कॉलर मानधतय सिंह, जूही चौहान और आर. राम शामिल थे। आइजीएसए (इमेज प्रोसेङ्क्षसग, सिक्योरिटी एंड ऐनालिटिक्स) लैब के सदस्यों ने चंडीगढ़ नेत्रहीन स्कूल में इस एप्लीकेशन का परीक्षण किया और उन्हें इसमें सफलता मिली।
लाभदायक साबित होगी एप: सिगायएम
नेत्रहीन विद्यालय के शिक्षक सिगायएम का कहना है कि दृष्टिहीन लोग नोट की लंबाई और चौड़ाई से उसकी कीमत का अनुमान लगाते हैं। ये एप ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा।