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खाली जमीन बता पहले से बिकी कामर्शियल प्रापर्टी किसी और को बेची

रूपनगर के जिला अस्पताल के पास घनी आबादी में एक जमीन के मालिक द्वारा पहले से बेची जा चुकी कामर्शियल व रिहायश वाली प्रापर्टी को कागजों में खाली जमीन दिखाते हुए आगे बेचे जाने का मामला सामने आया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 05:54 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 05:54 AM (IST)
खाली जमीन बता पहले से बिकी कामर्शियल प्रापर्टी किसी और को बेची

संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर के जिला अस्पताल के पास घनी आबादी में एक जमीन के मालिक द्वारा पहले से बेची जा चुकी कामर्शियल व रिहायश वाली प्रापर्टी को कागजों में खाली जमीन दिखाते हुए आगे बेचे जाने का मामला सामने आया है। राजकुमार, वरिदर पाल सिंह तथा कैलाश कुमार ने बताया कि उक्त जमीन मालिकों ने जिला अस्पताल की तरफ मुख्य सड़क पर एक दुकान राजकुमार को 12 अक्तूबर 1994, वरिदरपाल सिंह को 6 अक्तूबर 1997 तथा कैलाश कुमार को अदालत के फैसले के बाद आठ अक्तूबर 2002 को बेच दी थी। दुकानों में वह पिछले कई दशकों से किरायेदार चले आ रहे थे, जबकि नगर कौंसिल में दुकानों का नंबर 1572-ए दर्ज है। खरीदी गई दुकानों को नगर कौंसिल में उनके नाम करने के बाद वह दुकानों की खरीद करने से लेकर अब तक नगर कौंसिल को हर प्रकार का टैक्स अदा करते आ रहे है। उनकी दुकानों के पीछे मालिक की अपनी रिहायश तथा खाली प्लाट भी है। उन्होंने बताया कि प्रीत कालोनी की तरफ जाने वाली गली में भी मौजूदा समय में जमीन मालिकों की चार दुकानें भी है। उसे प्रापर्टी मालिक ने खाली जमीन का हवाला देते हुए छह नवंबर 2020 को उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से शहर के एक व्यक्ति को लगभग नौ मरले जिसका नगर कौंसिल का नंबर 1572-ए-3 लिख, संबंधित प्रापर्टी को 17 लाख 60 हजार रुपये में बेच दिया । जिस कीमत पर उक्त कामर्शियल प्रापर्टी को बेचा गया है, उसकी कीमत बेची गई कीमत से कहीं ज्यादा है। इससे सरकार को भी लाखों रुपये का चूना लगाया गया है। पीड़ित दुकानदारों ने बताया कि संबंधित मालिक के पारिवारिक सदस्यों ने 10 मरले भूमि जिसकी कीमत 25 लाख रुपये दिखाई गई, संबंधित मालिक को ट्रांसफर करवाई गई थी। दुकानदारों ने बताया कि घनी आबादी के बीच उनकी दुकानें होने के कारण खरीद करने के बाद इसकी रजिस्ट्रेशन नगर कौंसिल में करवा दी थी, लेकिन रेवेन्यू रिकार्ड में इसका इंतकाल नही करवाया गया। इस संबंध में एसएसपी डा. अखिल चौधरी को भी मामले की जांच पड़ताल करने तथा जमीन मालिक के विरुद्ध बनती कार्यवाही करने की शिकायत 22 दिसंबर 2020 दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने एसडीएम रूपनगर को जमीन का मौका देखने तथा खरीददार के हक में इंतकाल ना करने की गुहार भी लगाई है, ताकि धोखे का शिकार हो चुके दुकानदारों को इंसाफ मिल सके। उन्होंने एक बार फिर से एसएसपी से मामले की जल्द जांच करवाने व निपटाने की गुहार लगाई है।

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