विद्यार्थियों को पढ़ाया ट्रैफिक नियमों का पाठ
स्थानीय सरकारी कालेज में रोड सेफ्टी मास को लेकर विशेष सेमिनार आयोजित किया गया। प्रिसिपल डा. जसविदर कौर के नेतृत्व में इस सेमिनार का आयोजन जिला ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से एनएसएस व रेड रीबन क्लब द्वारा किया गया।
संवाद सहयोगी, रूपनगर : स्थानीय सरकारी कालेज में रोड सेफ्टी मास को लेकर विशेष सेमिनार आयोजित किया गया। प्रिसिपल डा. जसविदर कौर के नेतृत्व में इस सेमिनार का आयोजन जिला ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से एनएसएस व रेड रीबन क्लब द्वारा किया गया।
वाइस प्रिसिपल प्रोफेसर जतिदर सिंह गिल ने विद्यार्थियों को जागरूक करते कहा कि नियम उन लोगों की जिदगी को बेहतर बनाते हैं जो लोग नियमों के पाबंद रहते हैं एवं नियमों का इमानदारी से पालन करते हैं। नियमों की अनदेखी करने या खिल्ली उड़ाने वालों को हमेशा नुकसान ही उठाना पड़ता है। सेमिनार की कन्वीनर प्रोफेसर अरविदर कौर ने बताया कि इस रोड सेफ्टी मास को लेकर कालेज के एनएसएस वालंटियर अति व्यस्त ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में जाकर लोगों को यातायात नियमों बारे जागरूक करते रहेंगे।
ट्रैफिक एजुकेशन सेल के इंचार्ज एएसआइ सुखदेव सिंह ने विद्यार्थियों को जहां सड़क नियमों के बारे जानकारी दी वहीं सड़क पर चलते वक्त मनुष्य का क्या दायित्व होना चाहिए उसके बारे भी विस्तृत रूप से समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों को ट्रैफिक चिन्हों के बारे भी जानकारी दी। सिटी ट्रैफिक इंचार्ज एएसआइ सीता राम ने विद्यार्थियों को समझाया कि ज्यादातर हादसे वाहन चालकों के साथ सड़कों पर पैदल चलने वालों की अपनी लापरवाही के कारण होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हर कोई यातायात नियमों का इमानदारी से पालन करने लगे तो सड़क हादसों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने सभी को वाहन चलाते वक्त सीट बेल्ट लगाने व हेलमट डालने के साथ साथ मोबाइल सुनते हुए वाहन न चलाने, तेज रफ्तार वाहन न चलाने, नशा करके वाहन न चलाने, ट्रिपल राइडिग नहीं करने, सड़क पर वाहन चलाते वक्त सही इशारों का प्रयोग सुनिश्चित बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नाबालिग को वाहन चलाने के लिए कभी मत दिया जाए।
इस मौके पुलिस अधिकारी सतविदर सिंह सहित पवन कुमार, कालेज काउंसलर डा. कुलवीर कौर, एनएसएस के प्रोग्राम अफसर डा. निर्मल सिंह बराड़, डा. हरजस कौर ने भी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। इस सेमिनार को सफल बनाने में प्रोफेसर हरजीत सिंह सहित डा. दलविदर सिंह, प्रोफेसर शमिदर कौर, प्रोफेसर विपन आदि ने विशेष योगदान दिया जबकि मंच का संचालन डा. जतिदर कुमार ने किया।