बोली के बावजूद बेला रामगढ़ के लोगों ने नहीं होने दिया खनन
किसी समय पिछड़े क्षेत्र के रूप में जाने जाते ब्लॉक के गांव बेला रामगढ़ के लोगों ने अपनी सूझबूझ तथा दूरअंदेशी के मामले में अब बाकी क्षेत्र को पछाड़ दिया है।
संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : किसी समय पिछड़े क्षेत्र के रूप में जाने जाते ब्लॉक के गांव बेला रामगढ़ के लोगों ने अपनी सूझबूझ तथा दूरअंदेशी के मामले में अब बाकी क्षेत्र को पछाड़ दिया है। यहां एक तरफ क्षेत्र के कई गांवों के लोग अंधाधुंध किए जा रहे अवैध खनन से परेशान हैं, वहीं बेला रामगढ़ के लोगों ने इस मामले में खनन माफिया व जिला प्रशासन को कड़ा जवाब दिया है। बेला रामगढ़ की जमीन की बोली सरकार की ओर से माइ¨नग के लिए कर दी गई थी लेकिन बोली के बावजूद भी लोगों ने यहां माइ¨नग नहीं होने दी।
इस संबंधी बेला रामगढ़ की पत्ती टेक चंद की पंचायत के सरपंच जसवंत ¨सह तथा पत्ती जीवन ¨सह की पंचायत के सरपंच रघुवीर ¨सह ने बताया कि बेला रामगढ़ की चारों पंचायतों ने इस संबंधी प्रस्ताव डालकर जिला प्रशासन को दे दिए थे। इनमें बताया गया था कि उनके गांवों में खनन नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले ही खनन के कारण भूजलस्तर काफी नीचे चला गया है। किसानों को फसलों की ¨सचाई के लिए लगाए ट्यूबवैल भी पानी देना छोड़ चुके हैं। इसके अलावा भारी वाहनों के कारण सड़कों की हालत बदतर हो गई है। वहीं बेलों में पुल सरकार ने नहीं बल्कि सेवा के पुंज बाबा लाभ ¨सह की ओर से ही बनाया गया है।
दूसरे गांवों को भी इससे सबक लेने की जरूरत : चड्ढा
अवैध माइ¨नग के खिलाफ अवाज उठाने वाले आरटीआइ कार्यकर्ता एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने कहा कि बेला रामगढ़ के लोगों का इस मामले में लिया निर्णय सूझबूझ तथा दूरअंदेशी सोच वाला है। उन्होंने बताया कि अवैध खनन से परेशान अन्य गांवों के लोगों को भी इनसे सबक लेने की जरूरत है। इसके बाद ही अवैध खनन करने वालों पर नकेल कसी जा सकती है।