13 वर्ष से गोपाल लड़ रहा जिंदगी व मौत की लड़ाई
ट्रक चलाकर परिवार का पालन पोषण करने वाला 55 वर्षीय गोपाल सिंह 3 वर्ष से शारीरिक तौर पर असमर्थ है और जिदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहा है। नूरपुरबेदी ब्लॉक के गांव बालेवाल का गोपाल सिंह वर्ष 2006 में दिल्ली में सड़क हादसे के दौरान घायल हो गया था।
हरपाल ढींडसा, नूरपुरबेदी : ट्रक चलाकर परिवार का पालन पोषण करने वाला 55 वर्षीय गोपाल सिंह 3 वर्ष से शारीरिक तौर पर असमर्थ है और जिदगी व मौत की लड़ाई लड़ रहा है। नूरपुरबेदी ब्लॉक के गांव बालेवाल का गोपाल सिंह वर्ष 2006 में दिल्ली में सड़क हादसे के दौरान घायल हो गया था। जिसमें वह हमेशा के लिए बिस्तर पर लेट गया। शारीरिक रूप से असमर्थ होने के कारण चलना तो दूर बिस्तर पर खुद करवट लेने के काबिल नहीं रहा। अब गोपाल सिंह का जीवन बिस्तर तक ही सिमट कर रह गया है। भरे मन से गोपाल सिंह ने बताया कि उसके पास न मकान है और न ही जमीन। परिवार के साथ कच्चे मकान में रहता है और छत को तिरपाल के साथ ढका हुआ है। गांव असमानपुर के समाजसेवी फौजी युवाओं बलजीत सिंह और मनप्रीत सिंह ने कुछ अन्य समाजसेवी लोगों की सहायता के साथ 5 मरले का प्लाट खरीद कर दिया है। दो बच्चे एक लड़की व एक लड़का है जोकि पढ़ाई कर रहे हैं। परिवार के पास आमदनी का कोई साधन नहीं है। पत्नी चरनजीत कौर जंगल में लकड़ी एकत्र कर व मजदूरी कर परिवार का पेट भर रही है।
आर्थिक तंगी के कारण उपचार भी बंद
पीड़ित ने बताया कि पीजीआइ चंडीगढ़ के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उसे गर्दन, पीठ और कमर का ऑपरेशन करवाने के लिए कहा था। इन ऑपरेशनों में प्रत्येक का खर्च लगभग 1.65 लाख तक आने की संभावना है। जिसके बाद आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते उपचार करवाना बंद कर दिया है।
सरकार से मदद की लगाई गुहार
गोपाल सिंह ने उसे प्लाट दिलाने में सहायता करने वाले सभी समाजसेवी लोगों का आभार जताया है। पंजाब सरकार से मांग की है कि उसकी आर्थिक मंदहाली के मद्देनजर मकान का निर्माण करवाने के लिए उसे वित्त सहायता दी जाए।