मोदी और कैप्टन सरकार की नीतियों में कोई अंतर नहीं
केंद्र की मोदी सरकार तथा पजांब की कैप्टन सरकार की लोक विरोधी नीतियों में कोई अंतर नहीं है। ये दोनों लोगों से बड़े बड़े वादे कर वोट तो ले लेते हैं लेकिन वादों को निभाने की बजाए महंगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार तथा बेरोजगारी में वृद्धि करते हैं। इसका विरोध करने वालों को दबा दिया जाता है। ऐसे में वामदलों का संयुक्त गठजोड़ ही लोगों को मारू नीतियों के विरुद्ध, संयुक्त संघर्ष की लामबंदी द्वारा सरकारी जबर का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है।
संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी
केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब की कैप्टन सरकार की लोक विरोधी नीतियों में कोई अंतर नहीं है। ये दोनों लोगों से बड़े-बड़े वादे कर वोट तो ले लेते हैं लेकिन वादों को निभाने की बजाए महंगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी में वृद्धि करते हैं। इसका विरोध करने वालों को दबा दिया जाता है। ऐसे में वामदलों का संयुक्त गठजोड़ ही लोगों को मारू नीतियों के विरुद्ध, संयुक्त संघर्ष की लामबंदी द्वारा सरकारी जबर का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है। यह बातें भारतीय इंकलाब मार्क्सवादी पार्टी (आरएमपीआइ) के साथी मलकीयत ¨सह पलासी, मोहन ¨सह धमाणा और शमशेर ¨सह की अध्यक्ष्ता में करवाई गई कान्फ्रेंस के मौके पर आरएमपीआइ के राष्ट्रीय महासचिव मंगत राम पासला ने कहीं।
उन्होंने लोगों को अपील की है कि जागो, जाति-पाति रहित और नारी मुक्ति द्वारा स्वच्छ समाज का सृजन करने के लिए बड़े संघर्ष की लामबंदी के लिए 10 दिसंबर को परिवारों सहित जालंधर में पहुंचो। इससे पहले जलियांवाले बाग से लोग जगाओ, लुटेरों को भगाओ के नारों से चले जत्थे का डूमेवाल पहुंचने पर वेद प्रकाश की अध्यक्ष्ता में 100 से अधिक मोटरसाइकिलों पर सवार होकर जोरदार स्वागत किया गया। रैली के दौरान जिला सचिव मोहन ¨सह धमाणा ने कहा कि ओलावृष्टि के कारण हुए किसानों के नुक्सान का मुआवजा जल्द दिया जाए, जंगली जानवरों आदि के कारण फसलों के हो रहे नुक्सान के उचित प्रयास किए जाएं। कंडी क्षेत्र में किसानों की मोटरों के लिए अलग बिजली लाईन न डालने की मांग की गई है। वेद प्रकाश ने कहा कि कैप्टन सरकार ने चुनावों से पहले जो श्री गुटका साहिब पकड़ कर वायदा किया था उसे पूरा किया जाए। उन्होंने अध्यापको के संघर्ष का भी समर्थन किया है। यह जत्था गांव बैंस, बजरूड़, अबियाणा, धमाणा आदि से होता हुआ मोहाली के लिए रवाना हुआ। इस मौके पर जरनैल ¨सह, मास्टर मलकीयत ¨सह, हरजाप ¨सह, करम चंद, गंगा प्रसाद, सुभाष खेड़ी हिम्मत ¨सह, धर्मपाल, छोटू राम, बल¨वदर ¨सह, सोम ¨सह आदि ने भी अपने विचार पेश किए।