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पराली के स्थायी हल के लिए सरकार बनाए नीति

रूपनगर के हलका विधायक अमरजीत ¨सह संदोआ ने कहा कि हर साल सितंबर के आखिरी सप्ताह वैज्ञानिकों तथा सरकारों द्वारा किसानों को पराली को आग न लगाने की नसीहतें तथा धमकियां मिलनी शुरू हो जाती हैं। लेकिन इस समस्या का सरल तथा स्थायी हल बताने के लिए कोई आगे नहीं आता। लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस में शहर की समस्याओं संबंधी पार्टी नेताओं तथा समाज सेवियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि वातावरण को दूषित होने से रोकना सब का फर्ज है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 06:04 PM (IST)
पराली के स्थायी हल के लिए सरकार बनाए नीति
पराली के स्थायी हल के लिए सरकार बनाए नीति

जागरण संवाददाता, रूपनगर : हलका विधायक अमरजीत ¨सह संदोआ ने कहा कि हर साल सितंबर के आखिरी सप्ताह वैज्ञानिकों तथा सरकारों द्वारा किसानों को पराली को आग न लगाने की नसीहतें तथा धमकियां मिलनी शुरू हो जाती हैं। इस समस्या का सरल तथा स्थायी हल बताने के लिए कोई भी आगे नहीं आता। लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस में शहर की समस्याओं संबंधी पार्टी नेताओं तथा समाजसेवियों के से बैठक में उन्होंने कहा कि पर्यावरण को दूषित होने से रोकना सबका फर्ज है। लेकिन ऐसे कामों के लिए सरकारों की जिम्मेदारी सबसे अधिक बनती है। आप के विधायक ने कहा कि पराली को आग न लगाने संबंधी करोड़ों रुपये के विज्ञापन टीवी चैनलों को देने की बजाय सरकार पराली के निपटारे की उचित प्रबंध करे। संदोआ ने कहा कि आप द्वारा किसान चुनाव मेनीफेस्टो में यह प्रस्ताव रखा था कि धान के बदले सावन की फसल की कोई अन्य फसल पैदा करने वाले पंजाब के किसानों को अगर धान के मुकाबले कम आमदनी होगी तो उसकी पूर्ति सरकारी खजाने से की जाएगी। संदोआ ने कहा कि जब तक कैप्टन सरकार ऐसे अहम फैसले लेने के लिए समर्थ नहीं है। तब तक पराली के निपटारे के लिए सरकार धान पर प्रति ¨क्वटल 150 रुपये बोनस पराली संभालने के लिए किसानों को दे। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ सरकार को धक्केशाही नहीं करनी चाहिए। इस अवसर पर समाजसेवक ¨प्रसिपल सुरजन ¨सह, भाग ¨सह मैदान, बल¨वदर सैनी, बदन ¨सह तालापुरी, पार्टी नेता शाम सुंदर सैनी, रणजीत ¨सह, सरबजीत ¨सह हुंदल उपस्थित थे।

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