सभी भारतीय भाषाओं के विकास के साथ ¨हदी का प्रसार संभव : प्रो.दास
¨हदी दिवस के उपलक्ष्य में आइटीआइ रूपनगर में ¨हदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. सरित कुमार दास ने कहा कि वर्तमान समय में यदि ¨हदी को आगे बढ़ाना है तो सभी भारतीय भाषाओं के विकास के साथ ही यह संभव है। प्रो.दास ने कहा कि ¨हदी वह भाषा है जो समूचे देश में बोली एवं समझी जाती है इसलिए सभी ने इसके महत्व को समझते हुए इसके उत्थान के लिए प्रयास करने चाहिए।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : ¨हदी दिवस के उपलक्ष्य में आइटीआइ रूपनगर में ¨हदी पखवाड़ा मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो. सरित कुमार दास ने कहा कि वर्तमान समय में यदि ¨हदी को आगे बढ़ाना है तो सभी भारतीय भाषाओं के विकास के साथ ही यह संभव है। प्रो. दास ने कहा कि ¨हदी वह भाषा है जो समूचे देश में बोली एवं समझी जाती है, इसलिए सभी ने इसके महत्व को समझते हुए इसके उत्थान के लिए प्रयास करने चाहिए।
इस पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह में संस्थान के निदेशक प्रो. सरित कुमार दास तथा नागराजन कुलसचिव विशेष रूप से उपस्थित थे। ¨हदी पखवाड़े के अंतर्गत कुल 16 विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें 5 प्रतियोगिताएं कर्मचारियों/संकाय सदस्यों के लिए, 5 प्रतियोगिताएं संस्थान के विद्यार्थियों के लिए, 2 प्रतियोगिता अ¨हदी भाषीय कर्मचारियों के लिए, 1 प्रतियोगिता कर्मचारियों के बच्चों के लिए और 1 प्रतियोगिता कर्मचारियों के परिवारजनों के लिए, 1 प्रतियोगिता संस्थान के सफाई कर्मचारी/सुरक्षा कर्मचारी/परिचारकों तथा 1 प्रतियोगिता ¨हदी में सर्वाधिक कार्य की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इन सभी प्रतियोगिताओं को सभी वर्गो से उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई। इन सभी प्रतियोगिताओं के लिए कुल 87 विजेताओं को नकद पुरस्कार राशि, स्मृतिचिन्ह और प्रमाणपत्र प्रो. सरित दास और नागराजन द्वारा दिए गए। इन सभी प्रतियोगिताओं में बच्चों के लिए आयोजित प्रतियोगिता तथा सफाई कर्मचारी/सुरक्षा कर्मचारियों के लिए आयोजित प्रतियोगिता एक प्रमुख आकर्षण रहा। उन्होंने कहा कि आइआइटी में साल दर साल न केवल ¨हदी प्रतियोगिताओं के आयोजन में वृद्धि हुई है, बल्कि प्रतिभागियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इस कार्यक्रम का संचालन हरसिमरत कौर ने किया और इनामों की घोषणा डॉ. समदर्शी, सहायक प्राध्यापक ने की। डॉ. अरुण कुमार (सहायक प्राध्यापक) ने उपस्थितों का धन्यवाद किया। ¨हदी प्रकोष्ठ तथा ¨हदी पखवाड़ा की आयोजन समिति के सभी सदस्यों का जिनके सहयोग से यह पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम सुचारु रुप से आयोजित हुआ, उन्हें भी धन्यवाद दिया।