गैस एजेंसियों में लगी लंबी कतार, नहीं मिल रहे सिलेंडर
जागरण संवाददाता, रूपनगर रूपनगर में तीन गैस एजेंसियां होने के बाद भी लोगों को गैस सिलेंडर ल
जागरण संवाददाता, रूपनगर
रूपनगर में तीन गैस एजेंसियां होने के बाद भी लोगों को गैस सिलेंडर लेने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग पहले तो एजेंसियों के दफ्तरों में लाइनों में लग कर पर्ची कटवाते हैं फिर गैस सिलेंडर लेने के लिए कड़ी धूप में लाइनों में लगते हैं। इसके बाद भी रोजाना दर्जनों लोगों को हरेक गैस एजेंसी से ये जवाब मिलता है कि आज सिलेंडर खत्म हो गए हैं आप कल पता करना। जिन लोगों को सिलेंडर नसीब होता है, उन्हें भी सिलेंडर मिलने तक तीन से चार घंटे लग जाते हैं। बता दें कि रूपनगर गैस एजेंसी माता रानी मोहल्ले में है, हरसन गैस एजेंसी ज्ञानी जैल ¨सह नगर में है जहां रोजाना लोगों की सिलेंडर लेने के लिए लाइनें लगती हैं। एजेंसियों पर तैनात कर्मचारी पीछे से गैस सिलेंडरों की सप्लाई की किल्लत को कारण बता रहे हैं।
गांव में सप्लाई नहीं देते, इसलिए आया शहर: जगदीश ¨सह
रूपनगर के गांव हुसैनपुर से सिलेंडर लेने पहुंचे जगदीश ¨सह ने बताया कि वह सुबह से सिलेंडर लेने के लिए आए हुए हैं। पहले पर्ची कटवाने के लिए एक घंटा लाइन में लगा रहा। अब सिलेंडर लेने के लिए लाइन में लगा हुआ हूं। उन्होंने बताया कि उनके गांव में एजेंसी द्वारा गैस सिलेंडरों की सप्लाई नहीं की जाती, जिस कारण गांव वासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दो दिन से भटक रहा हूं: सु¨रदर ¨सह
मनसूहा गांव से रूपनगर गैस एजेंसी से सिलेंडर लेने आए बुजुर्ग सु¨रदर ¨सह ने कहा कि उनके गांव में सप्लाई न होने के कारण वह दो दिन से गैस लेने के लिए भटक रहे हैं। दोनों बार वह खाली वापस घर लौट गए। बच्चे काम पर जाने के कारण सिलेंडर लेने नहीं आ सकते, क्योंकि सिलेंडर लेने के लिए करीब आधा दिन निकल जाता है इसलिए उन्हें खुद सिलेंडर लेने के लिए आना पड़ा।
बीस दिन पहले बुक करवाया था, सिलेंडर पर नहीं मिला
बदन ¨सह निवासी कोटला निहंग, जस्सा ¨सह निवासी बहादरपुर तथा गो¨बद निवासी गांव ठोणा ने बताया कि एजेंसी द्वारा उनके गांव में सप्लाई नहीं दी जाती। इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बु¨कग करवाने के बाद भी उन्हें सिलेंडर नहीं मिल रहा। गो¨बद ने कहा कि उसने करीब बीस दिन पहले गैस सिलेंडर की बु¨कग करवाई थी। पहले भी वह दो बार सिलेंडर लेने के लिए आया, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा। आज भी वह खाली हाथ लौट रहा है क्योंकि स्टॉफ ने कहा कि जितने सिलेंडर आए थे उतनी पर्ची कट चुकी है।