दूसरे जिलों से लाकर छोड़े जा रहे लावारिस पशु, क्यों नहीं होती कार्रवाई
इस समय हर तरफ हो हल्ला हो रहा है कि लावारिस पशु बड़ी समस्या बन गए हैं। कोई इसके लिए गोशालाओं को दोषी ठहरा रहा है तो कोई संबंधित नगर कौंसिलों तथा प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : इस समय हर तरफ हो हल्ला हो रहा है कि लावारिस पशु बड़ी समस्या बन गए हैं। कोई इसके लिए गोशालाओं को दोषी ठहरा रहा है तो कोई संबंधित नगर कौंसिलों तथा प्रशासन को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। इसके बावजूद लावारिस पशुओं की समस्या का हल नहीं हो रहा है। लावारिस पशु दिन रात सड़कों पर रहते हैं। जागरण ने जब इस मामले की बारीकी से पड़ताल की तो प्रशासन तथा गोशालाओं के नुमाइंदों से बात करके ये बात सामने आई कि हरेक माह लगने वाली पशु मंडियों में दूसरे जिलों से लाए जाने वाले मवेशियों के साथ बेकार हो चुकी गायों तथा सांडों को लाया जाता है और रात के अंधेरे में हाइवे पर छोड़ दिया जाता है। रूपनगर में ये समस्या इसलिए भी विकराल है कि रूपनगर में से जालंधर-चंडीगढ़ हाइवे गुजरता है तथा इसी तरह कुराली-कीरतपुर साहिब हाइवे जोकि आगे हिमाचल में जुड़ता है। यहां लोग गायों व सांडों को छोड़ना आसान समझते हैं। एक माह में लगनी वाली पशु मंडी के दौरान लोग यहां 40 से 50 लावारिस पशु छोड़ जाते हैं। यही लावारिस पशु गांवों में लोगों की फसलें तबाह करते हैं और राहगीरों के लिए दुर्घटना का कारण बनते हैं। सरकारी संस्थाएं भी पीछे नहीं हैं
शहर के बा¨शदे ने एक मामला बताया कि सरकार के नुमाइंदे भी कम नहीं हैं। एक से दूसरे जिले में भी लावारिस गाय छोड़ने की पहले कवायद चलती थी। हो सकता है कि अब भी ये जारी हो। उसने बताया कि पड़ोसी जिला मोहाली से करीब पांच छह साल पहले एक गाड़ी लावारिस पशु छोड़ने यहां आ गई। लोगों ने उसे पकड़ लिया तथा जब बाद में मामला खुला तो वो शहर की एक सरकारी संस्था की गाड़ी निकली और कर्मचारियों ने बताया कि वो तो आनंदपुर साहिब में माथा टेकने जा रहे थे तथा सोचा कि अब लावारिस पशु भी यहां रूपनगर के पास जंगलों में छोड़ दें। दूसरे जिलों से लाकर लावारिस पशु छोड़ने वालों पर हो कार्रवाई: परमजीत माक्कड़
नगर कौंसिल रूपनगर के प्रधान परमजीत ¨सह माक्कड़ ने कहा कि दूसरे जिलों से यहां लावारिस पशु छोड़ने का मामला बड़ा गंभीर मामला है। वो इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर रूपनगर डॉ.सुमित जारंगल को कौंसिल की तरफ से पत्र भिजवाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उचित योजना बनाने की मांग करेंगे। अगर ऐसा होता है तो लोग खुद ब खुद इस तरह दूसरे जिलों में लावारिस पशु छोड़ना बंद कर देंगे। इस पत्र की प्रति पशुपालन मंत्री तथा मुख्यमंत्री पंजाब को भी भेजेंगे। क्योंकि अब ये पूरे पंजाब की समस्या बन चुकी है।