किसानों को कृषि के साथ सहायक धंधे अपनाने पर जोर
संवाद सहयोगी, कुराली : कुराली के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) की तरफ से गांव फतेहगढ़ म
संवाद सहयोगी, कुराली : कुराली के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) की तरफ से गांव फतेहगढ़ में किसान सम्मेलन करवाया गया। इसके माध्यम से गांवों से पहुंचे किसानों को संयुक्त खेती, पोली हाउस व मछली पालन को कृषि के सहायक धंधे के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के कैंपस में चल रहे कृषि उन्नति मेले का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष रूप से कृषि की नई तकनीकों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई।
पशु पालन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. शशीपाल ने किसानों को बकरी व सुअर पालने के लिए जबकि डॉ. विकास फूलीया ने मछली पालन को कृषि के सहायक धंधे के रूप में अपनाने के फायदे समझाए। उन्होंने दावा किया कि इन सहायक धंधों को अपनाते हुए किसान खुद को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं। डॉ. प्रियंका सूर्यवंशी ने सावन की फसलों में खाद व पानी के प्रबंधन की जानकारी दी ताकि किसान समय पर इनका सही ढंग से प्रयोग कर सकें। डॉ. हरमीत कौर ने किसानों को फसलों के मित्र कीड़ों के बारे अवगत करवाया। पारूल गुप्ता ने किसानों को घरेलू स्तर पर दालों व अनाज की संभाल के बारे टिप्स दिए ताकि किसान दालों व अनाज की लंबे समय तक संभाल कर सकें। डॉ. मुनीष शर्मा ने किसानों को सब्जियों के प्रबंधन के बारे बताया।