विश्व फुटबाल खेल लौटी रमनदीप कौर का स्वागत
संवाद सहयोगी, रूपनगर : रूपनगर से भारतीय महिला फुटबाल टीम के साथ अमेरिका के शिकागो शह
संवाद सहयोगी, रूपनगर : रूपनगर से भारतीय महिला फुटबाल टीम के साथ अमेरिका के शिकागो शहर में महिला स्पेशल ओलंपिक युनिफाइड फुटबाल विश्व कप मुकाबला खेलने गई गांव सलोरा में स्थित एवं अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन के द्वारा चलाए जा रहे अंबुजा मनोविकास केंद्र (स्कूल फार इंट्रलेक्च्युली डिसेबल चिल्ड्रन) की छात्रा रमनदीप कौर का शनिवार को वापिस लौटने पर पहले दिल्ली में जबकि रूपनगर पहुंचने पर अंबुजा मनोविकास केंद्र में भव्य स्वागत किया गया।
इस मौके जानकारी देते अंबुजा मनोविकास केंद्र के ¨प्रसिपल सुरेश ठाकुर ने बताया कि भारतीय फुटबाल टीम के लिए चुनी गई उनके स्कूल की छात्रा रमनदीप कौर गत 15 जुलाई को टीम के साथ महिला स्पेशल ओलंपिक युनिफाइड फुटबाल विश्व कप मुकाबला खेलने के लिए रवाना हुई थी व उन्हें इस बात पर गर्व है कि पूरे राज्य से केवल रमनदीप कौर का ही भारतीय टीम के लिए चयन किया गया। उन्होंने बताया कि 11 खिलाड़ियों की इस स्पेशल ओलंपिक युनिफाइड फुटबाल टीम में नियमानुसार छह खिलाड़ी मंदबुद्धि थे जबकि शेष पांच खिलाड़ी नॉमल श्रेणी (पूरी तरह से स्वस्थ) थे। उन्होंने बताया कि स्पेशल ओलंपिक यूनिफाइड फुटबाल विश्व कप मुकाबले अमेरिका के शिकागो शहर में 17 जुलाई से 20 जुलाई 2018 तक खेले गए। ¨प्रसिपल सुरेश ठाकुर ने बताया कि स्पेशल ओलंपिक यूनिफाइड फुटबाल विश्व कप मुकाबलों में 16 देशों से कुल 24 टीमों ने भाग लिया जिनमें 16 टीमें पुरूषों की व भारतीय टीम सहित कुल आठ टीमें महिलाओं की शामिल थीं। उन्होंने यह भी बताया कि स्पेशल ओलंपिक युनिफाइड फुटबाल विश्व कप का आगाज वर्ष 1968 में किया गया था जबकि इस बार के मुकाबले विश्व कप के 50 साल पूरे होने को समर्पित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय टीम हालांकि इस विश्व कप में अपने ग्रुप में तीसरे स्थान पर रही है लेकिन इस टीम ने प्रभावी प्रदर्शन करते हुए यह उम्मीद जगा दी है कि अगले साल भारत की टीम अवश्य विजेता बनकर लौटेगी। उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह रमनदीप कौर का टीम सहित दिल्ली के एयरपोर्ट पहुंचने पर जबकि बाद में स्कूल पहुंचने पर स्कूल मैनेजमेंट के द्वारा भव्य स्वागत किया गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय टीम में रमनदीप कौर का शामिल होना केवल अंबुजा मनोविकास केंद्र या जिला रूपनगर के लिए ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के लिए बड़े गर्व की बात है। उन्होंने यह भी बताया कि इस उपलब्धि में जहां कोच सुखदेव ¨सह का योगदान रहा है वहीं जिला खेल अफसर की भूमिका भी सराहनीय रही है। उन्होंने रमनदीप कौर के अभिभावकों को भी बधाई दी।