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डेंगू के खतरे को कम करने के लिए तालाबों में छोड़ीं गंबूजिया मछलियां

संस, रूपनगर : रूपनगर जिले में रहने वालों को डेंगू व मलेरिया से बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य वि

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Jul 2018 04:30 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jul 2018 04:30 PM (IST)
डेंगू के खतरे को कम करने के लिए तालाबों में छोड़ीं गंबूजिया मछलियां
डेंगू के खतरे को कम करने के लिए तालाबों में छोड़ीं गंबूजिया मछलियां

संस, रूपनगर : रूपनगर जिले में रहने वालों को डेंगू व मलेरिया से बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है वहीं जिले अंदर हर छप्पड़ आदि में गंबूजिया नस्ल की मछली भी छोड़ी जा रही है। इसी अभियान के तहत आज सिविल सर्जन डॉ. ह¨रदर कौर के दिशा-निर्देशों पर एवं एसएमओ डॉ. अशोक कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले के गांव दुगरी सहित कोटली, शांतपुर, तालापुर, रामपुरबेट, गधराम कलां खुर्द, गग्गों, डेहर तथा गांव मुंडियां का दौरा करते हुए इन गांवों के छप्पड़ों में गंबूजिया मछलियां छोड़ीं।

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हैल्थ सुपरवाइजर नागर ¨सह ने बताया कि साफ खड़े पानी में डेंगू फैलाने वाला जबकि गंदे पानी में मलेरिया फैलाने वाला मच्छर पैदा होता है इसलिए कहीं भी पानी खड़ा नहीं होना चाहिए। उन्होंने लोगों को अपने आसपास सफाई रखने के साथ-साथ पानी के गड्ढों को मिट्टी से भरने या उनमें काले तेल का छिड़काव करने तथा घरों की छत पर रखी टंकियों को ढक कर रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि रात को सोते वक्त मच्छरदानी लगाकर सोने के अलावा मच्छरों को भगाने वाली क्रीम लगाने की सलाह दी। इस मौके परमजीत ¨सह ने भी लोगों को जागरूक किया।

लारवे को खा जाती है मछली

हैल्थ सुपरवाइजर नागर ¨सह ने बताया कि गंबूजिया नस्ल की मछली छप्पड़ों मे पैदा होने वाले मच्छर के लारवे को खा जाती है। उन्होंने कहा कि छप्पड़ों में पैदा होने वाला मच्छर ही डेंगू व मलेरिया का कारण बनता है।


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