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नहीं चलीं 45 बसें, 8 लाख का कारोबार प्रभावित

पनगर पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर पनबस का मुकम्मल चक्का जाम सफल नहीं हो पाया। हड़ताल के पहले दिन आधी से ज्यादा बसें न चलने के कारण रोडवेज का साढ़े आठ लाख रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 10:14 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 10:14 PM (IST)
नहीं चलीं 45 बसें, 8 लाख का कारोबार प्रभावित
नहीं चलीं 45 बसें, 8 लाख का कारोबार प्रभावित

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर पनबस का मुकम्मल चक्का जाम सफल नहीं हो पाया। हड़ताल के पहले दिन आधी से ज्यादा बसें न चलने के कारण रोडवेज का साढ़े आठ लाख रुपये का व्यापार प्रभावित हुआ है। सोमवार को रोडवेज डिपो की 45 बसें सड़कों पर उतरीं, जबकि रोडवेज में कुल 108 बसें हैं। इनमें से 71 बसें पनबस तथा 37 बसें रोडवेज की हैं। इनमें से सोमवार को पनबस कांट्रेक्ट वर्करों की तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन पनबस की 26 तथा रोडवेज की 19 बसें सड़कों पर उतरी तथा 63 बसें फ्लीट में खड़ी रही।

पंजाब सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल की गई तथा डिपो दफ्तर के बाहर एकत्र होकर जोरदार नारेबाजी की गई। इस मौके यूनियन के चेयरमैन जस¨वदर ¨सह, प्रधान कुल¨वदर ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, इंद्रजीत ¨सह, अजीत ¨सह, सुख¨वदर ¨सह, बल¨वदर ¨सह, सु¨रदर ¨सह ने कहा कि इस हड़ताल का मुख्य कारण बराबर काम बराबर वेतन का नियम लागू न करना है। उन्होंने आउटसोर्सिंग तथा वर्कर्स को विभाग में तबदील करने, रिपोर्टों के संबंध में शर्तों को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 17 जुलाई को ट्रांसपोर्ट मंत्री के हलके में जाकर रोष प्रदर्शन किया जाएगा तथा 18 जुलाई को पंजाब के शहरों के मुख्य चौकों को बंद किया जाएगा। यदि सरकार ने उनकी मांगों की ओक ध्यान नहीं दिया तो भविष्य में संघर्ष को और भी तेज किया जाएगा।


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