ठाकुर जी की पालकी उठाकर किया शोभायात्रा का शुभारंभ
कोटला कलां ऊना स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में चल रहे दिव्य समागम के दौरान शोभायात्रा का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, नंगल
निकटवर्ती कोटला कलां ऊना स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में चल रहे दिव्य समागम के धार्मिक कार्यक्रम में मंगलवार को भव्य नगर शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा से पहले मंदिर में चले धार्मिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पहुंची जानी मानी शख्शियतों व गणमान्य लोगों ने जहां आश्रम में पहुंच कर माथा टेका, वहीं ठाकुर जी की पालकी उठाकर शोभायात्रा का शुभारंभ करने से पहले बाबा बाल जी का आशीर्वाद लिया। भगवान श्री कृष्ण जी के गुणगान व भव्य गगन भेदी जयघोषों के बीच मंदिर से निकली विशाल शोभा यात्रा का जगह-जगह भक्तजनों ने सैलाब के रूप में जोरदार स्वागत किया। शोभा यात्रा में सुशोभित फूलों से लदे रथ में सवार राष्ट्र संत बाबा बाल जी पर हजारों भक्तजनों ने पुष्प वर्षा करके उनका अभिवादन किया। हिमाचल के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व चंडीगढ़ आदि स्थानों से पहुंचे बाबा जी के शिष्यों के सैलाब के चलते सैकड़ों वाहनों की शोभायात्रा का आकर्षण देखते ही बन रहा था। इस दौरान विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भी हिस्सा लिया। श्री राधा-कृष्ण मंदिर कोटला कला मंदिर से लेकर ऊना के राम लीला मैदान तक शोभायात्रा में बड़ा उत्साह था। शोभा यात्रा में भगवान श्री राधा-कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की सुंदर झाकिया आकर्षण का केंद्र रहीं। श्री राधा-कृष्ण मंदिर से शुरू हुई शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ। स्टेडियम में एकत्र हुए शोभा यात्रा के हजारों भक्तों पर पुष्प वर्षा भी की गई।
इस अवसर परॅ डा. शिव पाल कंवर, बाबा जी के शिष्य इंद्र मोहन कपिला, राज रानी, कैलाश गौतम, योगाचार्य आरएस राणा, नंगल भाजपा के प्रधान राजेश चौधरी, शाम लाल, कार्तिका, सुरेश कुमार सहित दूर-दराज से सैलाब के रूप में पहुंचे भक्तजनों ने प्रभु का गुणगान किया। नि:स्वार्थ सेवा से करते रहें प्रभु भक्ति शोभायात्रा से पहले राष्ट्र संत बाबा बाल जी ने अपने उपदेशों में कहा कि सभी को नि:स्वार्थ सेवा को जारी रखकर प्रभु भक्ति करते रहना चाहिए। प्रभु की सच्ची भक्ति से ही जीवन के इस कालचक्त्र से छुटकारा मिलेगा। पूज्य श्री ने कहा कि प्रभु सिमरन ही एक मात्र ऐसी सीढ़ी है जिससे प्रभु की प्राप्ति व दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। मनुष्य को आत्म चिंतन कर बुरे कामों को त्याग सत्संग में बैठ नाम सिमरन सुनना चाहिए। इस मौके पर महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज व गौ रक्षा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी कृष्णानंद जी महाराज व वृंदावन से पधारे पगला बाबा के कृपा पात्र चित्र वचित्र जी ने मधुर भजनों के साथ श्रद्धालुओं को निहाल किया। चित्र वचित्र जी ने भी सैलाब के रूप में पंडाल में विराजमान भक्तजनों को यह समझाने का प्रयास किया कि जीवन में सदैव भक्ति मार्ग पर चल कर समाज की बेहतरी व नियमों के पालन में जरूर हर कोई योगदान दे, तभी समाज को कुरीतियों तथा जीवन को विकारों से मुक्त करके हम समृद्ध समाज की संरचना कर सकते हैं।