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रामसर साइट एक हजार कम पहुंचे विदेशी मेहमान

रूपनगर रूपनगर के अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड (रामसर साइट) पर विदेशी मेहमान प¨रदों समेत स्थानीय प¨रदों की गिनती का काम पक्षी प्रेमियों ने बेहद उत्साह के साथ किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 09:35 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 09:35 PM (IST)
रामसर साइट एक हजार कम पहुंचे विदेशी मेहमान
रामसर साइट एक हजार कम पहुंचे विदेशी मेहमान

जागरण संवाददाता, रूपनगर

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रूपनगर के अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड (रामसर साइट) पर विदेशी मेहमान प¨रदों समेत स्थानीय प¨रदों की गिनती का काम पक्षी प्रेमियों ने बेहद उत्साह के साथ किया। पक्षी प्रेमियों की दो टीमें बनाई गई थीं, जिनमें से एक सतलुज झील के अप स्ट्रीम और दूसरी टीम डाउन स्ट्रीम में पक्षियों की तादाद देखने के लिए गई। शनिवार को कुल 3006 पक्षी देखे गए। इनमें सबसे ज्यादा संख्या कूट्स की 725 थी। वाइल्ड लाइफ विभाग द्वारा नंगल की जागृति संस्था, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ एबीएन हेबिटेट सोसायटी चंडीगढ़, व‌र्ल्ड क्लब एशियन वाटर काउंट सोसाइटी के सहयोग से पक्षियों की गणना का कार्य किया। सभी पक्षी प्रेमियों और पर्यावरण से संबंधित लोगों ने झील में विभिन्न प्रजातियों के 3006 के करीब पक्षी देखे। इस बार पिछले वर्ष तुलना में वेटलैंड में 1000 कम पक्षी देखे गए। पिछले वर्ष गणना के कार्य में 4000 के करीब मेहमान विदेशी प¨रदे देखे गए थे। इस गणना के दौरान बार हेडेड गीज, कूट्स, नॉर्दन शिवेलर, ग्रे लैगगीज, ¨पन टेल डक, ग्रेट कोरमोरेंट, ग्रेट कैस्टेड ग्रैब, रूडी शेल्डक, स्मॉल कॉरर्मोरैट, कॉमन पोचर्ड आदि है इनमें सबसे ज्यादा संख्या 725 कूट्स देखी गई। इसके बाद रुड़ी शेल्डक 250 से ज्यादा देखे गए। मार्च तक रहते हैं झीलों पर यह मेहमान प¨रदे हर वर्ष साइबेरिया समेत रशिया, चाइना, इंडो तिब्बत बॉर्डर और मंगोलिया से भारत समेत आसपास के देशों की जलगाहों पर आकर रुकते हैं और यहां प्रवास करते हैं। पंजाब के अलावा देशभर के झीलों में यह मार्च तक रहते हैं और प्रजनन करते हैं। अक्टूबर माह में ये यहां आने आरंभ हो जाते हैं। फिर जैसे जैसे साइबेरिया में ठंड का प्रकोप कम होने लगता है ये यहां से वापस वहां से लिए उड़ाने भरना आरंभ कर देते हैं।

इन्होंने किया गणना करने का काम इस अवसर पर विदेशी मेहमान प¨रदों की गणना में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और एशियन वाटर काउंट सोसायटी की कोऑर्डिनेटर गीतांजलि, चंडीगढ़ बर्ड क्लब से रीमा ढिल्लो, एवीएन हैबिटेट सोसायटी से नवजीत ¨सह, कुलभूषण कंवर, स्थानीय पर्यावरण प्रेमी डॉक्टर जीएस चट्ठा, केके सूद डीएफओ हर¨जदर ¨सह ¨सह, जागृति संस्था से प्रभात, मास्टर जसप्रीत ¨सह चड्ढा, गीता गोस्वामी, सुभाष कुमार, रेंज अधिकारी सुरजीत ¨सह, सरबजीत ¨सह अपने स्टाफ समेत शामिल हुए।


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