राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 1.43 से 4.20 बजे तक
भाई बहन के अटूट रिश्ते प्यार और समर्पण को दर्शाता रक्षा बंधन पर्व आज वीरवार को पारंपरिक रिवाजों के साथ मनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, नंगल : भाई बहन के अटूट रिश्ते, प्यार और समर्पण को दर्शाता रक्षा बंधन पर्व आज वीरवार को पारंपरिक रिवाजों के साथ मनाया जाएगा। भारत विकास परिषद नंगल के वरिष्ठ प्रतिनिधि पं. अमरनाथ शर्मा के अनुसार इस बार रक्षा बंधन पर लगभग 13 घंटे तक शुभ मुहुर्त रहेगा जबकि दोपहर 1.43 बजे से 4.20 बजे तक राखी बांधने का विशेष फल मिलेगा। प्रात: 5.49 बजे से शाम 6.1 बजे तक राखी बंध सकेगी। उन्होंने बताया कि देवताओं व दानवों के बीच काफी समय तक लड़ाई चलती रही। जीत के लिए बृहस्पति द्वारा मंत्रित रक्षा सूत्र ब्राह्मण द्वारा इंद्र की कलाई पर बाधने से जीत हासिल हुई। राक्षस राजा बलि को भगवान बामन द्वारा रक्षा बंधन बाधने पर बलि राजा ने तीनों लोक दान में दे दिए। इस दिन वेद मंत्रों से मंत्रित किए गए रक्षासूत्र को आचार्य लोग अपने शिष्यों के हाथ में बाधते थे। रक्षा बंधन बहन की, संस्कृति की तथा राष्ट्र की रक्षा हेतु बंधन से जुड़ने का प्रतीक है। नारी जाति पर कोई विपत्ति आए, इसके लिए संकल्पित होने, संस्कृति को बचाए रखने का रक्षा सूत्र का ही विधान है। वेद जो समस्त धमरें का मूल है। धर्म ज्ञान, ब्राह्मण ग्रंथ पुराणों तथा उपनिषदों का ज्ञान वेदों में ही है। रक्षासूत्र का ज्ञान भी वेदों में मिलता है। रक्षा बंधन हमारा सास्कृतिक उत्सव है। समस्त देश में मनाया जाता है। रक्षा बंधन सर्वे भवंतु सुखिना का भाव जागृत करता है।