कम हुई मास्क व गलब्स की खरीदारी
कोरोना वायरस के खतरे के बाद जिले भर में मास्क व गलब्स की बिक्री एवं खरीद बहुत ज्यादा होने लगी है जबकि अस्पतालों में भी मेडिकल वेस्ट पहले से ज्यादा होने लगी है।
संवाद सहयोगी, रूपनगर:
कोरोना वायरस के खतरे के बाद जिले भर में मास्क व गलब्स की बिक्री एवं खरीद बहुत ज्यादा होने लगी है जबकि अस्पतालों में भी मेडिकल वेस्ट पहले से ज्यादा होने लगी है। स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार मास्क व दस्ताने मेडिकल वेस्ट वाली श्रेणी में ही आते हैं।
मेडिकल वेस्ट के मुद्दे को दैनिक जागरण के द्वारा कर्फ्यू के पहले दिन ही उठाया गया था जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ. एचएन शर्मा के साथ साथ जिला कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन चौधरी ने यह हिदायतें जारी कर दी थी कि कोई भी व्यक्ति जो मास्क या दस्ताने का प्रयोग करता है उसे प्रयोग में लाने के बाद कूड़े के ढेरों पर या सड़कों पर नहीं गिराएंगा। इसके साथ यह हिदायत भी दी गई थी कि मास्क व दस्ताने प्रयोग में लाए जाने के बाद उन्हें जिस कैमिस्ट की दुकान से खरीदा गया है उसी कैमिस्ट की दुकान पर नियमानुसार उपलब्ध करवाए गए डस्टबिन में ही गिराया जाए ।
कैमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुदर्शन चौधरी ने बताया कि पिछले चार पांच दिनों से जिलेभर में मास्क व दस्ताने की खरीद में कमी आई है क्योंकि कैमिस्टों द्वारा लोगों को समझाया जा रहा है कि हर किसी को मास्क लगाने या दस्ताने डालने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि खरीद में 30 से 35 फीसदी कमी दर्ज की जा रही है जबकि ज्यादातर लोग मास्क या दस्ताने प्रयोग करने के बाद कैमिस्ट की दुकानों पर उपलब्ध डस्टबिन में ही गिराने लगे हैं। इसी प्रकार सिविल सर्जन डॉ. एचएन शर्मा ने कहा कि ही जिला स्वास्थ्य विभाग मेडिकल वेस्ट के मामले में पहले से ही काफी सख्त व सतर्क है इसलिए जिले भर के अस्पतालों में भी विभिन्न रंग के डस्टबिन उपलब्ध करवाए गए हैं जबकि हर अस्पताल का एसएमओ खुद मानीटर करता रहता है और वायोवेस्ट को रोजाना डिस्पोज ऑफ करने के लिए चंडीगढ़ भेजा जा रहा है।