पंजाब में कर्ज राहत स्कीम के तीसरे चरण की शुरुआत, किसानों के मुद्दे पर केंद्र पर बरसे कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आनंदपुर साहिब में कर्ज राहत स्कीम के तीसरे चरण की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के बिना किसानों को कल्याण नहीं हो सकता।
जेएनएन, आनंदपुर साहिब (रूपनगर)। केंद्र सरकार ने अगर अपना रवैया न बदला तो पंजाब समेत देश के बाकी राज्यों में किसानों की आत्महत्याएं नहीं रुक सकतीं। यह बात मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आनंदपुर साहिब में कर्ज राहत स्कीम के तीसरे चरण की शुरूआत करते हुए कही।
मुख्यमंत्री कहा कि किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करना समय की जरूरत है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था कि बजट में स्वामीनाथन आयोग की जरूरी चीजों को पारित कर लिया गया है, जबकि इस आयोग की रिपोर्ट को मुकम्मल तौर लागू किए बिना किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला। केंद्र की भूमिका किसानों के प्रति सही नहीं है। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करवाने के लिए वह कई बार प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री से मिल चुके हैं। केंद्र को किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए।
कैप्टन ने कहा कि उन्हें सत्ता में आते ही 2.08 लाख करोड़ का कर्ज विरासत में मिला था। इसके बावजूद किसानों के लिए जो कुछ अच्छा कर सकते थे, वह कर रहे हैं। कर्ज राहत स्कीम के इस तीसरे चरण के तहत सहकारी बैंकों के 1.42 लाख किसानों को 1009 करोड़ के कर्ज से राहत दी जाएगी। अगले चरण में व्यापारिक बैंकों के 18000 किसानों को कर्ज राहत स्कीम के तहत कवर किया जाएगा।
छोटे और मध्यम दर्जे के किसानों के लिए 2 लाख रुपये प्रति किसान कर्ज राहत स्कीम की शुरुआत की गई है। राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के 3.18 लाख छोटे किसानों को 1815 करोड़ व व्यापारिक बैंकों के 1.04 लाख छोटे किसानों को 1689 करोड़ के कर्ज की राहत प्रदान की है। कैप्टन ने कहा कि किसानों को बासमती फसल में सुधार के लिए एग्रो-कैमिकल्स का प्रयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विरासत-ए-खालसा का भी दौरा किया।
पंजाब की सड़कों के कायाकल्प के लिए चल रहा काम
कैप्टन ने कहा कि पंजाब में 30 जून तक 16000 किलोमीटर ग्रामीण लिंक सड़कों को 2000 करोड़ की लागत के साथ मजबूत किया जा रहा है। ग्रामीण लिंक सड़कों पर पुलों की मरम्मत और वृद्धि पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार की तरफ से किसानों को उनकी फसलों की बढिय़ा मार्केटिंग की सहूलियतें प्रदान करने के मद्देनजर पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा सभी दाना और सब्जी मंडियों की मरम्मत और सुधार के लिए 700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे पड़ाव के तहत जून 2020 तक 14000 किलोमीटर ग्रामीण ङ्क्षलक सड़कों को 1400 करोड़ रुपये की लागत के साथ मजबूत किया जाएगा।