Punjab G-20 Summit 2023: शिक्षाविदों की रहेगी अहम भूमिका, रणनीति बनाने में मिलेगी मदद
Punjab G-20 Events अमृतसर में 15 से 17 मार्च 2023 के बीच सहयोग के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को मजबूत करने वाले थीम पर होने वाली दूसरी शिक्षा कार्य समूह की बैठक की मेजबानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रोपड़ द्वारा किए जाने का तह हुआ है
रूपनगर, जागरण संवाददाता। अमृतसर में 15 से 17 मार्च 2023 के बीच सहयोग के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को मजबूत करने वाले थीम पर होने वाली दूसरी शिक्षा कार्य समूह की बैठक की मेजबानी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रोपड़ द्वारा किए जाने का तह हुआ है जिसके संस्थान द्वारा तैयारी भी कर ली गई है।
यह आयोजन जी-20 सदस्य देशों के विचार-विमर्श से अनुसंधान और नवाचारों के लिए प्रासंगिक नीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान पर केंद्रित होगा।
अनुसंधान और नवाचार पर जोर
आइआइटी के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से सरकार जी-20 सदस्य देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने और एसडीजी लक्ष्यों तक पहुंचने में प्रत्येक देश के मुद्दों का सामूहिक रूप से जहां उत्तर प्रदान करेगी वहीं यह बैठक कई क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सहकारी रणनीति पर भी केंद्रित होगी, जिन्हें लागू किया जा सकता है।
उनके अनुसार इस बैठक में भाग लेने वालों में यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व बैंक और ओईसीडी जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह आयोजन अनुसंधान और नवाचार पर जहां जोर देगा। वहीं जी-20 सदस्य देशों के प्रदर्शन पर सहयोग के प्रभाव पर भी जोर दिया जाएगा।
शिक्षाविदों की भूमिका
इस दौरान अनुसंधान और नवाचारों पर प्रमुख सेशन आयोजित किए जाएंगे जो देशों के अंदर विभिन्न प्रकार की असमानता को कम करने, उच्च उपज प्राप्त करने और खाद्य अपशिष्ट को कम करने के लिए स्थाई कृषि के लिए नवाचार, सस्ते एंव टिकाऊ ऊर्जा अनुसंधान और नवाचार में शिक्षाविदों की भूमिका, तथा पर्यावरण के प्रति जागरूक और जवाबदेह औद्योगीकरण के लिए नवाचारों में मदद करेंगे।
रणनीति बनाने में भी मदद
इसके अलावा इस बैठक में अनुसंधान और नवाचार के अवसरों तक पहुंच करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ साथ महिलाओं, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित समूहों पर विचार चर्चा के अलावा नवाचार संवर्धन में सुधार करने और अनुसंधान विचार विमर्श व क्रॉस-संस्थागत सहयोग आदि की दिशा में बाधाओं को कम करने के लिए जी-20 सदस्य देशों के बीच सहयोग का विस्तार करने के तरीकों की रणनीति बनाने में भी मदद मिलेगी।
रोडमैप सुनिश्चित करने में मदद करेगा
प्रोफेसर राजीव आहूजा ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा आइआइटी को आवंटित जी-20 कार्यक्रम बहु-भागीदार सहयोग के लिए एक रोडमैप सुनिश्चित करने में मदद करेगा। वहीं इससे अनुसंधान सामग्री की पहुंच और प्रावधान को सुविधाजनक बनाने के लिए यत्न किए जायेंगे ताकि उद्योग-शिक्षा के बीच की दूरी को कम करने के साथ-साथ अनुसंधान और नवाचारों के लिए प्रासंगिक नीतियों और तरीक़ों की खोज और पहचान की जा सके। इस तरह से वसुधैव कुटुम्बकम, एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के विषय का पालन करते हुए जी-20 सदस्य देशों में गुणवत्ता अनुसंधान के लिए दीर्घकालिक सहयोग स्थापित किया जा सकेगा।
स्टार्टअप एवं प्रौद्योगिकियां शामिल
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधियों के लिए इस भव्य कार्यक्रम के एक भाग के रूप में संस्थान द्वारा 100 स्टालों के साथ विघटनकारी प्रौद्योगिकियों और नवाचारों की एक प्रदर्शनी भी स्थापित की जा रही है। इन स्टालों में भारत और जी-20 सदस्य देशों के स्टार्टअप एवं प्रौद्योगिकियां शामिल होंगी ताकि मानव प्रकार की बेहतरी के लिए नवाचारों के वैश्विक परिदृश्य का अनुभव किया जा सके।
ये संगोष्ठी के प्रतिभागियों में शामिल है प्रत्येक जी-20 सदस्य देश
अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से जी-20 शिक्षा कार्य समूह के सदस्यों के साथ साथ जी-20 सदस्य देशों में चुनिंदा शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि जो सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण सीखने के अवसरों को सुनिश्चित करने और सीखने के परिणामों में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पहल में लगे हुए हैं तथा भारत और जी-20 देशों के ज्ञान साझेदारों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।