Ropar: आइआइटी के प्रोफेसर को वरिष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार से नवाजा
Ropar आइआइटी रोपड़ के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जावेद एन अग्रेवाला को इम्यूनोलोजी और वैक्सीन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ में करवाए गए इंडियन इम्यूनोलॉजी सोसाइटी की 49 वीं बैठक के दौरान एक अत्यधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार सीनियर साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
रूपनगर, जागरण टीम: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रोपड़ के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जावेद एन अग्रेवाला को इम्यूनोलोजी और वैक्सीन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ में करवाए गए इंडियन इम्यूनोलॉजी सोसाइटी की 49 वीं बैठक के दौरान एक अत्यधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार सीनियर साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। पीजीआइ चंडीगढ़ में यह बैठक 23 से 26 नवंबर तक हुई।
आइआइटी के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा ने बताया कि यह पुरस्कार अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और पूरे भारत से नामांकित लोगों के बीच इम्यूनोलोजी के क्षेत्र में उनके समग्र वैज्ञानिक योगदान के आधार पर तय किया जाता है, जैसा कि प्रकाशनों की गुणवत्ता और शोधपत्रों के उद्धारण सूचकांक द्वारा प्रलेखित है।
उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से डा. जावेद का ग्रुप टीबी स्थानीय आबादी में टीबी बैक्टीरिया के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को समझने की कोशिश कर रहा हैं, जहां बीसीजी वैक्सीन विफल रही है। उन्होंने टीबी के खिलाफ एक टीका विकसित किया है, जो जल्द ही वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए जा रहा है। यह वैक्सीन बीसीजी वैक्सीन से जुड़ी कमियों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, इसलिए डा. जावेद वैक्सीन टीबी को नियंत्रित करने में मदद करेगा जहां बीसीजी वैक्सीन टीबी से बचाने में असफल रहा है।
डा. जावेद विज्ञान में भारत के सर्वोच्च सम्मान से भी नवाजे जा चुके हैं
उन्होंने बताया कि डा. जावेद विज्ञान में भारत के सर्वोच्च सम्मान शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार जेसी बोस फेलोशिप के प्राप्तकर्ता भी हैं और देश की सभी तीन विज्ञान अकादमियों भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारतीय विज्ञान अकादमी और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत के फेलो भी हैं। 2018 में आइआइटी रोपड़ में शामिल होने के बाद डा जावेद ने पूरे देश और विशेष रूप से पंजाब में नशीली दवाओं की लत के खिलाफ वैक्सीन विकसित करने पर शोध भी शुरू किया है, क्योंकि देश विशेष रूप से पंजाब इस समस्या का मुकाबला करने में लगा हुआ है। आइआइटी के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा ने इस उपलब्धि के लिए प्रोफेसर जावेद एन अग्रेवाला को बधाई भी दी।