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50 हजार महीना मांग रहा नितिन नंदा

क्रशर मालिकों ने शिवसेना पंजाब के जिला प्रधान पर गुंडागर्दी करने और महीना मांगने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 10:37 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:28 AM (IST)
50 हजार महीना मांग रहा नितिन नंदा
50 हजार महीना मांग रहा नितिन नंदा

संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब

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आनंदपुर साहिब के निकटवर्ती गांव अगमपुर जोन के क्रशर मालिकों ने प्रेस काफ्रेंस के दौरान शिवसेना पंजाब के जिला प्रधान पर गुंडागर्दी करने और महीना मांगने के गंभीर आरोप लगाए हैं। क्रशर मालिकों में एडवोकेट सतवीर सिंह, सुरिदरपाल सिंह शाह स्टोन क्रशर, अशोक कुमार सुप्रीम क्रशर, अमन ढींढसा गुरु नानक क्रशर आदि ने कहा कि अगमपुर जोन के भीतर उनके व अन्य बहुत लोगों के क्रशर कानून के अनुसार चल रहे हैं, लेकिन शिवसेना पंजाब का जिला प्रधान नितिन नंदा अपने रसूख का गलत प्रयोग करते हुए उन्हें धमकाता है और बेहुदा हरकतों के साथ परेशान कर रहा है। जब उन्होंने उसकी धमकियों की परवाह नहीं की, तो उसने गुंडागर्दी दिखाते हुए अगमपुर मुख्य सड़क से क्रशर की ओर जाती पीडब्ल्यूडी की सड़क के बीच पड़ती एक पुली पर अपना टिप्पर खड़ा कर रास्ता बंद कर दिया। जब उन्होंने उसे यह रास्ता खोलने के लिए कहा, तो उसने धमकी देते कहा कि यह टिप्पर यहां से तभी हटेगा, जब वे उसे पचास हजार रुपये महीना देंगे या उसे रेत-बजरी मुफ्त देंगे। उन्होंने कहा कि इस गुंडागर्दी की लिखित शिकायत आनंदपुर साहिब के पुलिस थाना में देने के अलावा डीसी रूपनगर डॉ.सुमीत जारंगल, आइजी अमित प्रसाद, एसएसपी रूपनगर स्वप्न शर्मा से की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सभी ने पंजाब सरकार और पुलिस उच्चाधिकारियों से मांग की है कि नितिन नंदा को दिए गनमैन वापस लिए जाएं । इस मौके सैदपुर जोन से क्रशर मालिक महिदर सिंह वालिया, रमेशचंद्र वर्मा, अजमेर सिंह आदि भी उपस्थित थे। वहीं इस संबंध में नितिन नंदा ने कहा कि उनका टिप्पर माल भरकर इस सड़क से गुजर रहा था कि पुली पर आकर अचानक खराब हो गया। जिसके कारण यह रास्ता बंद हो गया था। टिप्पर को जल्द ही ठीक करवाने के बाद हटा दिया जाएगा। मेरे ऊपर पैसे मांगने के सभी आरोप गलत हैं। ऊधर एसएसपी रूपनगर स्वप्न शर्मा ने कहा कि यह मामला माइनिग विभाग के पास है और यदि किसी को कोई मुश्किल आती है, तो वह संबंधित विभाग के पास शिकायत कर सकता है। माइनिग विभाग की ओर से उन्हें लिखित शिकायत देने के उपरांत ही वह कोई कार्रवाई कर सकते हैं।


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