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दान से बड़ा कोई पुण्य नहीं व सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं

रूपनगर के साथ लगते सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां में कार्तिक माह को लेकर आयोजित सत्संग समागम के दौरान बाबा सतनाम सिंह ने संगत का मार्गदर्शन किया ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 04:17 PM (IST)
दान से बड़ा कोई पुण्य नहीं व सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं
दान से बड़ा कोई पुण्य नहीं व सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं

संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर के साथ लगते सर्व धर्म सत्कार तीर्थ धमाना कलां में कार्तिक माह को लेकर आयोजित सत्संग समागम के दौरान बाबा सतनाम सिंह ने संगत का मार्गदर्शन किया । उन्होंने कहा कि इस माह को बड़ा पवित्र माह माना जाता है। इसलिए इस माह दौरान अच्छे करम करने के साथ पूजा अर्चना में समय लगाना चाहिए। दान से बड़ा कोई पुण्य नहीं तथा सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि दान गऊ व गरीब के लिए करना चाहिए, जबकि सेवा माता-पिता के साथ साथ उन लोगों व पशु पक्षियों की करनी चाहिए, जो लाचार हैं। मनुष्य जन्म के लिए देवी देवता भी तरस जाते हैं, जबकि परम पिता परमात्मा ने हम सभी पर कृपा करते हुए हमें मनुष्य रूप में जन्म देते हुए हमें धन्य किया है। इस मौके भजन गायकों ने बाबा जी के रचित भजनों का गायन करते हुए संगत को निहाल किया। सत्संग के उपरांत संगतों ने बाबा जी के साथ जंगली क्षेत्र में जाकर बेजुबान पशु व पक्षियों को चारा व अनाज डाला।

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