बजट से ज्यादा राहत तो नहीं, पर युवाओं और कृषि के लिए बहुत कुछ
पंजाब की कैप्टन सरकार का शुक्रवार को पेश किया गया बजट उम्मीद के लिहाज से जनता को खुश कर देने वाला तो नहीं है लेकिन इसमें खेती युवा वर्ग के लिए जो कुछ है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर
पंजाब की कैप्टन सरकार का शुक्रवार को पेश किया गया बजट उम्मीद के लिहाज से जनता को खुश कर देने वाला तो नहीं है, लेकिन इसमें खेती, युवा वर्ग के लिए जो कुछ है। इससे कहा जा सकता है कि सरकार ने जनता पर बोझ डालने की बजाय कुछ राहत का आभास दिलाने का प्रयास किया है। पर ये राहत आभास दिलाने तक ही सीमित रहती है या इसका सच में कोई फायदा हो पाएगा। जागरण ने अलग अलग वर्गों से बजट के बारे में उनकी राय जानी। पेश हैं उसके अंश।
पंजाब सरकार का बजट मिला जुला है। इससे ज्यादा राहत तो नहीं मिलती दिखती, लेकिन युवाओं और कृषि के लिए काफी कुछ है। बजट के तहत जो जो काम सरकार करेगी, उससे ही स्पष्ट हो पाएगा कि यह कितना लाभदायक साबित होता है। एडवोकेट अश्वनी शर्मा, टैक्स कंसलटेंट पंजाब सरकार के बजट में जिस हिसाब से खेल, शिक्षा और खेती के लिए राशि रखी गई है, उससे लगता है कि यह बजट इन वर्गों के लिए हितैषी साबित होगा, लेकिन बजट में स्पष्ट नहीं है कि क्या- क्या होना है। बजट में सरकार ने जो अपनी प्राप्तियां ओवर ड्राफ्ट न होने की दिखाईं हैं , वो सराहनीय हैं। कपिल वोहरा, चार्टर्ड अकाउंटेंट। पंजाब सरकार ने बजट में टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए अच्छा बजट रखा है। लेकिन बजट रखने से सरकार की नीति स्पष्ट नहीं होती। बजट में यह बताना चाहिए कि रखे गए बजट से क्या इंडस्ट्री को ऑक्सीजन मिलेगी। होटल इंडस्ट्री को इस समय सरकार की तवज्जो की जरूरत है। अनिल कौशल, जिला प्रधान पंजाब होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन
शिक्षा के लिए पंजाब सरकार के पास फंड नहीं है। स्मार्ट स्कूल तो समाजसेवी ही बना रहे हैं। हेल्थ व एजूकेशन के लिए ज्यादा पैसे लगाने की जरूरत थी, वो नहीं हो पाया है। लोगों की आशाओं से विपरीत बजट है। एडिड स्कूल जो आजादी से पहले बने हैं, में फंडों का अभाव है। इस तरफ सरकार ध्यान नहीं दे रही। अश्वनी शर्मा, प्रांतीय महासचिव, एडिड स्कूल यूनियन, पंजाब पंजाब सरकार का बजट लोगों की मांगों के अनुरूप तो नहीं , पर लोगों पर ज्यादा बोझ डालने वाला भी नहीं है। सबसे बड़ी जरूरत थी कि व्यापारी को पंजाब सरकार राहत दे, लेकिन कोई भी सरकार व्यापारियों की मुश्किलों को गंभीरता से नहीं ले रही।
महिदर सिंह, प्रधान जिला करियाना यूनियन, रूपनगर।