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मोमो चैलेंज गेम से अपने को बचाएं अभिभावक

रूपनगर वर्तमान दौर में विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन खेल बच्चों के लिए काफी घातक साबित होने लगे हैं, जिस बारे डीसी डॉ. सुमित जारंगल ने कड़ा संज्ञान लेते बच्चों के अभिभावकों को हिदायत दी है कि अगर वे बच्चों द्वारा ऑनलाइन की जाने वाली गतिविधियों पर निरंतर नजर रखें तो बच्चों के साथ हो सकने वाली किसी अप्रिय घटना को होने से रोका जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 09:59 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 09:59 PM (IST)
मोमो चैलेंज गेम से अपने को बचाएं अभिभावक

संवाद सहयोगी, रूपनगर

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वर्तमान दौर में विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन खेल बच्चों के लिए काफी घातक साबित होने लगे हैं, जिस बारे डीसी डॉ. सुमित जारंगल ने कड़ा संज्ञान लेते बच्चों के अभिभावकों को हिदायत दी है कि अगर वे बच्चों द्वारा ऑनलाइन की जाने वाली गतिविधियों पर निरंतर नजर रखें तो बच्चों के साथ हो सकने वाली किसी अप्रिय घटना को होने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से आनलाइन मोमो चैलेंज गेम घातक गेम के रूप में चर्चा में आ चुकी है, जिसके लिए पंजाब साइबर क्राइम विभाग के आइजी ने बाकायादा एडवाइजरी भी जारी कर रखी है। उन्होंने उसी एडवाइजरी का हवाला देते हुए कहा कि उक्त गेम के माध्यम से अनजान खिलाड़ी गेम खेलने वाले बच्चों या अन्यों को विभिन्न प्रकार की चुनौतियां देते हुए ¨हसक हरकतें करने के लिए मजबूर कर देते हैं, जबकि आजकल यह सब सोशल मीडिया पर विशेषकर वाट्सएप पर वायरल भी हो चुकी है। डीसी ने कहा कि इस गेम को खेलने वाला उतेजित होकर कई प्रकार के खतरनाक कदम उठाने लगता है जो हर चुनौती के बाद इस कदर घातक हो जाते हैं कि खेलने वाला आत्महत्या तक कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस खेल को कंट्रोल करने वाला अज्ञात खिलाड़ी को हर वो कदम उठाने के लिए मजबूर कर देता है जो वो करवाना चाहता है व अगर खिलाड़ी कंट्रोलर के निर्देशों का पालन न करे तो उसे जापानी मोमो गुड्डी के भयानक चित्रों के साथ साथ विभिन्न ऑडियो व वीडियो के माध्यम से भयभीत करते हुए खतरनाक कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया जाता है, जिसका अंत जानलेवा साबित हो सकता है। डीसी ने बच्चों के अभिभावकों को समझाया कि अगर बच्चा दोस्तों व परिवार से अलग रहने की कोशिश करने लगे, लगातार उदास रहने लगे, किसी भी काम को करने से घबराने लगे, अचानक खुद पर या किसी अन्य पर उग्र गुस्सा करने लगे, मनोरंजन वाली गतिविधियों से खुद को दूर करने लगे, शरीर को नुकसान पहुंचाने लगे तो समझ लेना चाहिए कि बच्चा मोमो चैलेंज गेम में फंस चुका है। उन्होंने बताया कि बच्चों में होने वाली किसी भी प्रकार के मानसिक व अन्य बदलाव को कभी हल्के में मत लें एवं ऐसी भनक लगते ही बच्चों से पूछताछ करें, पूरे दिन की गतिविधियों पर नजर रखें और अगर जरूरत पड़े तो किसी विशेषज्ञ की सहायता लेने में भी गुरेज न करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों का सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में अधिक व्यस्त रहना व किसी के अचानक कमरे में आने पर मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन पर जारी प्रोग्राम को बदल देना संदिग्ध श्रेणी में आता है इसलिए अभिभावकों को हर स्तर पर अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए।


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