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भाखड़ा बांध के पास हुई लैंड स्लाइडिंग से नहीं कोई खतरा

भाखड़ा बाध के पास 29 जुलाई सांय हुई लैंड स्लाइडिंग के प्रति गंभीरता दिखाते हुए शनिवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के सदस्य सिंचाई इंजी. गुलाब सिंह नरवाल ने चंडीगढ़ से खुद भाखड़ा बाध आकर निरीक्षण किया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 06:13 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 06:13 PM (IST)
भाखड़ा बांध के पास हुई लैंड स्लाइडिंग से नहीं कोई खतरा
भाखड़ा बांध के पास हुई लैंड स्लाइडिंग से नहीं कोई खतरा

सुभाष शर्मा, नंगल : भाखड़ा बाध के पास 29 जुलाई सांय हुई लैंड स्लाइडिंग के प्रति गंभीरता दिखाते हुए शनिवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के सदस्य सिंचाई इंजी. गुलाब सिंह नरवाल ने चंडीगढ़ से खुद भाखड़ा बाध आकर निरीक्षण किया है। बाध के साथ लगे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बुत के पास हुई लैंडस्लाइडिंग को गंभीर मानते हुए निरीक्षण में बारीकी से रिपोर्ट प्राप्त की गई है जिसके बाद यह बताया गया है कि बाध को इस लैंडस्लाइडिंग से कोई खतरा नहीं है।

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बाध के डिप्टी चीफ इंजीनियर एचएल कंबोज ने बताया कि बाध के दौरे पर आए सदस्य सिंचाई ने स्लाइडिंग स्थल के पास पहुंचकर बारीकी से आंकलन किया है वहीं उन्होंने बाध के अंदर भी संवेदनशील गैलरियों व सुरंगों को देखकर जरूरी विचार विमर्श किया। इस मौके पर भाखड़ा बाध के चीफ इंजीनियर कमलजीत सिंह, डिप्टी चीफ इंजीनियर केके सूद, इंजी. मोहन सिंह, इंजी. एसके बेदी, डायरेक्टर वॉटर रेगुलेशन सीपी सिंह के अलावा अन्य अधिकारी इंजी. अरविंद शर्मा, इंजी. वीके गर्ग आदि भी मौजूद थे। इन सभी ने सदस्य सिंचाई को बाध की ताजा स्थिति संबंधी अपने-अपने विभागों की तरफ से जानकारी भी दी। पिछले साल फरवरी में हुई थी बड़ी लैंडस्लाइडिंग--

इस समय भाखड़ा बाध का जलस्तर 1619 फीट तक पहुंच चुका है। हालाकि इस बार जलस्तर पिछले साल की तुलना में करीब 31 फीट कम है जिसे बाध में वर्ष भर होने वाले विद्युत उत्पादन व विभिन्न प्रातों को उपलब्ध करवाए जाने वाले पानी की दृष्टि से फायदेमंद नहीं कहा जा सकता है। पिछले साल आज के दिन बांध का जलस्तर 1650.20 फीट था। अब बारिशों से शुरू हुई लैंडस्लाइडिंग ने भी एक नई चिंता खड़ी कर दी है। पिछले साल आठ फरवरी को भी बाध के पास इतिहास में पहली बार बड़ी लैंडस्लाइडिंग हुई थी जिसके चलते करीब चार दिन तक भाखड़ा-नैना देवी मार्ग अवरुद्ध रहा था। जरूरत समझी जा रही है कि बोर्ड के चेयरमैन तथा ऊर्जा मंत्रालय के आला अधिकारी एवं विशेषज्ञ जल्द बाध की सुरक्षा के लिए जरूरी कार्य जल्द शुरू करें ताकि समय रहते बाध परियोजना को बड़े नुकसान से बचाया जा सके।

बता दें कि बीबीएमबी के चेयरमैन के रिटायर होने के बाद इस पद पर स्थाई नियुक्ति करने की बजाय दिल्ली में तैनात ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव तन्मय कुमार को बीबीएमबी का अंतरिम चेयरमैन नियुक्त किया गया है। भाखड़ा बाध के कारण बरसात में पंजाब जैसे बड़े प्रांत के लिए बाढ़ के अंदेशे को देखते हुए केंद्र सरकार के चेयरमैन नियुक्ति के बारे फैसले का पुरजोर विरोध भी हो रहा है।


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