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रैली निकाल तपेदिक के खिलाफ किया जागरूक

व‌र्ल्ड टीबी डे पर सोमवार को रैली निकाल कर जागरूकता पैदा की गई। एमपीएचडब्ल्यू स्कूल नंगल से निकाली गई जागरूकता रैली को बीबीएमबी अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचएन शर्मा ने रैली को झंडी दिखा कर रवाना किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 11:51 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 11:51 PM (IST)
रैली निकाल तपेदिक  के खिलाफ किया जागरूक
रैली निकाल तपेदिक के खिलाफ किया जागरूक

जागरण संवाददाता, नंगल : व‌र्ल्ड टीबी डे पर सोमवार को रैली निकाल कर जागरूकता पैदा की गई। एमपीएचडब्ल्यू स्कूल नंगल से निकाली गई जागरूकता रैली को बीबीएमबी अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचएन शर्मा ने रैली को झंडी दिखा कर रवाना किया। रैली में शामिल स्कूल की छात्राओं तथा बीबीएमबी अस्पताल के ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. पीपी सिंह, महिला रोग विशेषज्ञ एवं एसएमओ डॉ. शालिनी चौधरी तथा अन्य स्टाफ सदस्यों ने भी रैली को सफल बनाने के लिए छात्राओं का मार्गदर्शन किया। डॉ. एचएन शर्मा ने रैली के आयोजन में छात्राओं के योगदान की सराहना करते हुए आमजनों को टीबी रोग को खत्म करने के बारे जागरूक किया। उन्होंने कहा कि दिवस मनाने का मकसद देश को टीबी की बीमारी से मुक्त करना है। इस कार्य में सभी के सहयोग से ही टीबी के खात्मे के लक्ष्य को सफल बनाया जा सकता है। रैली में शामिल 74 छात्राओं ने शहर के विभिन्न स्थानों पर जागरूकता पैदा करने के लिए नारे लगाए। हाथों में टीबी मुक्त के संदेशों से अंकित तख्तियां पकड़ कर चलती हुई छात्राओं ने रैली में विभिन्न जगहों पर आमजनों को यह बताने का प्रयास किया कि सभी को इस दिशा में जागरूक होने की जरूरत है।

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उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष बीबीएमबी अस्पताल के ब्लड बैंक की ओर से एमपीएचडब्ल्यू की छात्राओं के सहयोग से रक्तदान, टीबी खात्मे तथा एड्स के विरुद्ध ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियों के खात्मे के लिए भी रैलियां निकाल कर जागरूकता पैदा की जाती है। इस मौके पर स्कूल की प्रिंसिपल नीलम सेठी, टयूटर राज रानी, अनुपम, एसआई अमृत पाल आदि भी मौजूद थे।

टीबी की बीमारी फैलने के कारण

आंकड़ों के अनुसार दुनिया में इस समय सात करोड़ लोग टीबी बीमारी से ग्रस्त हैं। हर वर्ष 25 से 30 लाख लोगों की इससे मौत हो जाती है। टीबी रोग एक बैक्टिरिया के संक्रमण के कारण होता है, इसे फेफड़ों का रोग माना जाता है। फेफडों से रक्त प्रवाह के साथ शरीर के अन्य भागों तक फैल जाता है। टीबी बैक्टिरिया सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं। किसी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं जहां टीबी बैकटिरीया कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस लेते समय प्रवेश करके ये टीबी रोग पैदा करते हैं। निर्धनता व गरीबी के कारण अपर्याप्त व पौष्टिकता से कम भोजन, कम जगह में बहुत लोगों का रहना, स्वच्छता का अभाव तथा गाय का कच्चा दूध पीना आदि कारणों से ही टीबी रोग फैलता है। ऐसे करें बचाव : टीबी रोगी से जितना हो सके उससे दूरी बना कर रखें, क्योंकि ये संक्रमित रोग है, टीबी के मरीज को मास्क पहने रखना चाहिए ताकि दूसरों तक छींकने या खासने से रोग न फैले। बीसीजी का टीका लगवाकर टीबी से बचाव किया जा सकता है। मरीज को जगह-जगह नहीं बल्कि किसी एक पालीथिन में थूकना चाहिए। मरीज को स्ट्रीट फूड का कम प्रयोग करना चाहिए। हर बच्चे को जन्म के कुछ दिनों बाद बीसीजी वैक्सीन लगवानी चाहिए। टीबी के प्रति जागरूकता ही इस रोग को थामने का सरल उपाय है। आजकल सरकारी चिकित्सा संस्थानों में टीबी का मुफ्त इलाज होता है।


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