नंगल वेटलैंड में विदेशी मेहमानों ने डाला डेरा
प्रत्येक वर्ष भारत में आने वाले प्रवासी पक्षियों की नंगल में संख्या जानने के लिए की गई गणना में दर्ज किया गया है कि इस बार वेटलैंड में विभिन्न प्रजातियों के 4110 पक्षी आए हैं।
सुभाष शर्मा, नंगल: प्रत्येक वर्ष भारत में आने वाले प्रवासी पक्षियों की नंगल में संख्या जानने के लिए की गई गणना में दर्ज किया गया है कि इस बार वेटलैंड में विभिन्न प्रजातियों के 4110 पक्षी आए हैं। 12वें बर्ड सर्वेक्षण के लिए यहां पहुंचे वाइल्ड लाइफ विभाग, चंडीगढ़ की एवीएन हेवीटेट सोसायटी, चंडीगढ़ बर्ड क्लब, जागृति संस्था व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के पर्यावरणविदों गीतांजलि कंवर, नवजीत सिंह, कुलभूषण कंवर, डॉ. जीएस चट्ठा, वन्य प्राणी विभाग के रेंज अधिकारी सर्वजीत सिंह ने वेटलैंड के अलावा आसपास के जलाश्यों में पहुंच कर गणना की। इसके बाद जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल वेटलैंड व सटे इलाके में विभिन्न प्रजातियों के 4110 तथा डाउन स्ट्रीम में 1850 प्रवासी पक्षी आए हैं। एनएफएल के ऐश पौंड नया नंगल में इस बार मात्र 150 पक्षी देखे गए हैं, जबकि पिछले साल इन पक्षियों की गणना 916 थी। गणना में पाए गए पक्षियों में क्रस्टड पोचर्ड, मैलोड, स्पॉटबिल ग्रेनएज ग्रीस, गैडवाल, कूटस, रुडी शैल्डक प्रजाति के पक्षी नंगल इलाके में गणना के दौरान देखे गए हैं।
नंगल डैम झील की राष्ट्रीय वेटलैंड में हर वर्ष बर्फीले इलाकों रशिया, अफगानिस्तान, मंगोलिया, तिब्बत, श्रीलंका, वर्मा, साइबेरिया, चाइना आदि से अनुकूल वातावरण के मद्देनजर गर्मियां शुरू होने तक यहां प्रवास करते हैं। यह पक्षी पंजाब की वेटलेंडों रोपड़, कांजली, गुरदासपुर के शालापतन में आकर अपने दिनों को सुखद वातावरण में बिताते हैं। ये पक्षी ठंड के दिनों में यहां करीब 4 महीने तक प्रवास के बाद वापस अपने वतन लौट जाते हैं।
बार हेडेड गूज की संख्या बढ़ी
भाखड़ा बांध की गोबिंद सागर झील में इस बार सबसे ऊंची उड़ान भरने वाले पक्षियों में से बार हेडेड गूज ने दस्तक दी है। सर्दियों के मौसम में गोबिंद सागर झील और स्वा नदी में प्रवासी परिंदों ने डेरा जमाया हुआ है। प्रवासी प¨रदे न केवल देखने वालों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं बल्कि वादियों की सुंदरता को भी मनोहारी बना रहे हैं। स्वा नदी में भी ब्लैक विंग स्टीम्ड प्रजाति के पक्षी पहुंचे हैं। वन विभाग के किए सर्वे में पक्षियों के बारे में पता चला है। गोबिंद सागर झील में रायपुर मैदान में बार हेडेड गूज की संख्या पिछले साल की तुलना में अधिक है। गोबिंद सागर झील में दस से अधिक प्रजातियों के पक्षी रूड़ी शेलडक, बार हेडेड, मेलार्डस, रेड नेक्ड ग्रेव, गुल्लुज आदि शामिल हैं।
कोई भी पक्षियों न पहुंचाए नुकसान
डीएफओ ऊना यशुदीप सिंह ने कहा है कि विभाग की गणना में प्रवासी परिंदों की प्रजातिया सामने आई हैं। इनके आगमन से झील एवं आसपास के किनारों की सुंदरता में रौनक आ गई है। आमजन से अनुरोध है कि पक्षियों को कोई नुकसान न पहुंचाए, किसी तरह की ऐसी गतिविधि होने पर विभाग को सूचित करें।