सरकारी अस्पताल में रोज लगेगा मुफ्त लंगर, जो आज बनेगा वो कल नहीं मिलेगा
गुरु रामदास लंगर सेवा की ओर से बुधवार को लगाया गया यह लंगर पहले दिन बेहद सफल रहा।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: रूपनगर के सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए होशियारपुर के पुर हीरां की लंगर सेवा ने रोजाना मुफ्त लंगर लगाने का बंदोबस्त किया है। गुरु रामदास लंगर सेवा की ओर से बुधवार को लगाया गया यह लंगर पहले दिन बेहद सफल रहा। एक हजार लोगों के लिए तैयार किया खाना दोपहर बाद ही निपट गया। बता दें कि ये संस्था प्रचार से बिलकुल दूर रहकर काम कर रही है। संस्था की ओर से लगाया गया यह 21वां लंगर है। सिविल सर्जन डॉ. एचएन शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन की अगुवाई में गुरु राम दास लंगर संस्था को पूरा सहयोग दिया जाएगा, क्योंकि ये लोकहित का काम कर रहे हैं। वहीं लंगर सेवा के इंचार्ज गुरलयाकत सिंह बराड़ ने बताया कि उनकी संस्था के लंगर लगाने का उद्देश्य बाबा गुरुनानक देव की विचारधारा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने बीस रुपये से जरूरतमंदों के लिए लंगर सेवा शुरू की थी। उनकी संस्था भी वहां जाकर लंगर लगाती है, जहां जरूरतमंद लोगों को खाने की जरूरत है। इसमें ये नहीं देखा जाता है कि लंगर कौन छक रहा है। सभी के लिए लंगर मुहैया करवाया जाता है। धर्म व जात- पात से ऊपर उठकर लंगर सेवा की जा रही है। रोज बदलेगा मेन्यू, दो दिन मिलेगी स्वीट डिश बराड़ ने बताया कि लंगर में रोजाना सब्जी नई होगी, ताकि लंगर औपचारिकता मात्र न रह जाए। मंगलवार को कढ़ी, बुधवार को काले चने, वीरवार को न्यूट्री की सब्जी, शुक्रवार को सफेद चने व पनीर, रविवार को मिक्स दाल या पीली दाल चावल व रोटी के साथ दी जाएगी। हफ्ते में दो दिन सोमवार व वीरवार को हलवा और खीर स्वीट डिश के रूप में दी जाएगी। लंगर का प्रबंध आने वाले लोगों की तादाद के हिसाब से बढ़ाया जाएगा। आधुनिक मशीनों से तैयार होता है लंगर लंगर की खासियत ये है कि लंगर होशियारपुर के पुर हीरां में बनाई गई आधुनिक रसोई में आधुनिक मशीनों से तैयार किया जाता है और उसे गर्म रहने वाले बर्तनों में लंगर वाले स्थान पर पहुंचाया जाता है। डीसी ने किया धन्यवाद डिप्टी कमिश्नर रूपनगर डॉ. सुमीत जारंगल ने कहा कि गुरु राम दास सेवा संस्था को चलाने वाले समाजसेवी लोगों के वो तहेदिल से धन्यवादी हैं, जिन्होंने रूपनगर सिविल अस्पताल में मुफ्त लंगर आरंभ किया है। इससे मरीजों व मरीजों के परिजनों को शुद्ध खाने का बंदोबस्त हो गया है।