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बाल मजदूरी रोकने के लिए बाजारों में श्रम विभाग ने जांच की

बाल मजदूरी रोकने के लिए मनाए जा रहे सप्ताह के तहत मंगलवार को नंगल के विभिन्न बाजारों में श्रम विभाग ने जांच की है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 12:22 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 12:22 AM (IST)
बाल मजदूरी रोकने के लिए बाजारों में श्रम विभाग ने जांच की

जागरण संवाददाता, नंगल : बाल मजदूरी रोकने के लिए मनाए जा रहे सप्ताह के तहत मंगलवार को नंगल के विभिन्न बाजारों में श्रम विभाग ने जांच की है। विभाग के इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि बाल मजदूरी उन्मूलन के उद्देश्य से सप्ताह मनाया जा रहा है। एक जुलाई तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत मेन मार्केट, अड्डा मार्केट व अन्य स्थानों पर देखा गया है कि कहीं कोई दुकानदार बाल मजदूरी करवाकर बच्चों का शोषण न कर रहा हो। पंजाब सरकार के आदेश हैं कि किसी भी कीमत पर बच्चों का शोषण नहीं होना चाहिए। पढ़ने-लिखने की उम्र में बच्चों से मजदूरी करवाना कानून अपराध है। लोगों को जागरूक करके यह बताया गया कि कोई भी व्यक्ति बाल शोषण होते देख विभाग को सूचित करे। शहर में की गई चेकिग के दौरान चाइल्ड प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट, पुलिस, शिक्षा विभाग आदि विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल थे। लेबर इंस्पेक्टर ने बताया कि शहर में की गई चेकिग में बाल मजदूरी का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सभी को समझाया गया कि किसी भी कीमत पर बाल मजदूरी न करवाएं।

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गौरतलब है कि लंबे समय बाद श्रम विभाग की तरफ से नंगल शहर में आकर की गई जांच के दौरान काफी देर तक हड़कंप मचा रहा। उम्मीद की जा रही है कि बाल मजदूरी को बढ़ावा देने वाले जरूर यह समझ पाए होंगे कि वह बच्चों से मजदूरी करवाकर न केवल उनका शोषण कर रहे हैं, बल्कि बच्चों का भविष्य भी बर्बादी की तरफ धकेल रहे हैं। बाल मजदूरी करवाने की यह है सजा

बाल श्रम अधीनियम 1986 के अंतर्गत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से शारीरिक मजदूरी जैसा काम करवाना कानून जुर्म है। अधीनियम का उल्लंघन करवाने वाले को दो साल की सजा अथवा 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है।


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