चीरा रहित नसबंदी से सेहत पर नहीं पड़ता प्रभाव : डा. एसपी सिंह
डा. सीपी सिंह सीनियर मेडिकल अफसर सीएचसी चमकौर साहिब ने नसबंदी पंखवाड़े संबंधी समूह फील्ड स्टाफ को हिदायतें जारी की
संवाद सूत्र, चमकौर साहिब
डा. सीपी सिंह सीनियर मेडिकल अफसर सीएचसी चमकौर साहिब ने नसबंदी पंखवाड़े संबंधी समूह फील्ड स्टाफ को हिदायतें जारी की। इस मौके पर उन्होंने ने समूह फील्ड स्टाफ को कहा कि गांवों में योग्य दंपतीयों को चीरा रहित नसबंदी करवाने के लिए जागरूक किया जाए।
उन्होंने कहा कि नसबंदी पंखवाड़े के दौरान चार दिसंबर को सीएचसी चमकौर साहिब में आपरेशन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुरुषों की चीरा रहित नसबंदी का पुरुषों की सेहत पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। परिवार नियोजन प्रोग्राम भारत में पहले 1952 में शुरु किया गया था। इस प्रोग्राम के तहत भारत देश की बढ़ती आबादी की समस्या को कंट्रोल करने के लिए सेहत विभाग द्वारा जागरुकता अभियान शुरू किए गए और बढ़ती आबादी से होने वाली समस्याओं गरीबी, अनपढ़ता, बेरोजगारी संबंधी वाकिफ करवाया जा रहा है।
हरविदर सिंह सैनी ब्लाक एक्सटेंशन एजुकेटर ने कहा कि इस प्रोग्राम के तहत परिवार को सीमित रखने के लिए परिवार भलाई के कच्चे और पक्के साधन शुरू किए गए। चीरा रहित नसबंदी पुरुषों के लिए बहुत ही आसान परिवार नियोजन का पक्का सुरक्षित तरीका है। इसको करने के लिए सिर्फ दस मिनट लगते हैं और कोई भी चीरा या टांका नहीं लगाया जाता। नसबंदी करवाने के उपरांत पुरुष आधे घंटे बाद अपने घर खुद चलकर जा सकता है। चीरा रहित नसबंदी के बाद पुरुषों कोई भी भारी काम पहले की तरह कर सकता है। नसबंदी करवाने वाले को 1100 रुपये दी जाती है प्रोत्साहन राशि
चीरा रहित नसबंदी करवाने वाले पुरुषों को 1100 रुपये नकद और उत्साहित करने वाले को दो सौ रुपये नकद दिए जाते हैं। महिलाओं की परिवार नियोजन में काफी भागीदारी रही है। इसके लिए अब पुरुषों को भी आगे आकर नसबंदी करवानी चाहिए। इस मौके पर नागर सिंह एसआई, रामशरन एसआई, गुरजिदर कौर एलएचवी, शारदा एलएचवी उपस्थित थे।