240 विद्यार्थियों में बांटीं डिग्रियां
रूपनगर आइआइटी ने शुक्रवार को अपना आठवां कन्वोकेशन समारोह मनाया।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर आइआइटी ने शुक्रवार को अपना आठवां कन्वोकेशन समारोह मनाया। इसमें इसरो से मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे प्रोफेसर एवं वैज्ञानिक एएस किरण कुमार ने विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान करते हुए उनके मनोबल को भी बढ़ाया।
प्रोफेसर एवं वैज्ञानिक एएस किरण कुमार ने इसरो के अध्यक्ष रहते हुए भास्कर टीवी से लेकर मार्स ऑर्बिटर मिशन तक एयरबोर्न, लो अर्थ ऑर्बिट और जियोस्टेशनरी ऑर्बिट उपग्रहों के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल इमेजिग सेंसरों के डिजाइन तथा विकास में बहुत योगदान दिया है। कन्वोकेशन में छात्रों, अभिभावकों, पूर्व छात्रों, संकाय सदस्यों और स्टाफ सदस्यों को मिलाकर 1500 से भी अधिक अतिथि शामिल हुए। इस मौके आइआइटी के निदेशक प्रोफेसर सरित के दास ने संस्थान और छात्रों की उपलब्धियों के साथ विभिन्न श्रेणियों के तहत जीते गए पुरस्कारों बारे सभी के साथ सांझा किया। आयोजन के दौरान कुल 240 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई, जिनमें बी टेक की 113, एमएससी की 56, एमटेक की 37, एमएस रिसर्च की छह तथा पीएचडी की 28 डिग्रियां शामिल हैं।
आयोजन के दौरान मेकेनिकल इंजीनियरिग विभाग के छात्र सुबीर कुमार को इस वर्ष बीटेक के स्नातक छात्रों में से प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया गोल्ड मेडल का सम्मान हासिल हुआ , जबकि कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग विभाग के छात्र आदित्य गुप्ता को डायरेक्टर गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग के बीटेक छात्र गौरव कामिला और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग विभाग के आदित्य गुप्ता, सीबीएमइ में एम टेक की छात्रा देबास्मिता मुखर्जी, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग विभाग के छात्र प्रतीक मुंजाल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग विभाग के अर्षदीप सिंह संधू तथा थर्मल इंजीनियरिग के पुलक गुप्ता को इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल दिए गए। इसके साथ एमएससी रसायन विज्ञान के छात्र रजत कुमार सहित एमएससी गणित के छात्र संदीप कुमार मिश्रा तथा एमएससी फिजिक्स प्रोग्राम में छात्र हिमांशु गौड़ को इंस्टीट्यूट सिल्वर मेडल दिए गए। विदेशी सम्मेलनों में 268 शोध विद्वानों ने लिया भाग प्रोफेसर दास के अनुसार आइआइटी रूपनगर ने पिछले एक वर्ष के दौरान अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में प्रगति की है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान गुणवत्ता और प्रभाव का पता औसत प्रति पेपर उदाहरण से लगाया जा सकता है, जो 13.78 पर है। यह हालिया स्कोपस डाटा के अनुसार सभी दूसरी पीढ़ी की आइआइटी में से सबसे अधिक है। चालू वर्ष के दौरान संस्थान के संकाय सदस्यों और विद्वानों ने उच्च प्रभाव वाली अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 61 के एच-इंडेक्स के साथ 305 पत्र प्रकाशित किए। उन्होंने बताया कि 2018-19 के दौरान संकाय सदस्यों ने 334 पत्रों को प्रकाशित किया है और 24 शोध विद्वानों को तैयार किया है। इस अवधि के दौरान भारत और विदेशों में विभिन्न सम्मेलनों में 268 शोध विद्वानों ने भाग लिया है। इस साल 515 हो गई पीएचडी छात्रों की संख्या प्रोफेसर दास ने बताया कि परिसर में पीएचडी छात्रों की संख्या हर साल बढ़ रही है। पिछले साल के मुकाबले यह वृद्धि 389 छात्रों से बढ़कर इस वर्ष 515 हो गई है। संस्थान ने टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिग 2020 में 301-350 रैंक सूची में जगह बनाकर आइआइएससी बेंगलूरू के साथ भारत में शीर्ष स्थान साझा किया है। उन्होंने बताया कि अनुसंधान में संस्थान की उत्कृष्ट यात्रा को जारी रखते हुए हमारे डॉक्टरेट छात्रों के प्रयासों को सिगापुर में होने वाले वर्ष 2020 के ग्लोबल यंग साइंटिस्ट सम्मेलन के लिए उनके चयन को मान्यता दी गई है। इस चयन के माध्यम से सम्मानित किए गए छात्रों में मलकीत सिंह (मेकेनिकल इंजीनियरिग), तृप्ति मिढ़ा (गणित), अपूर्वा सिक्का (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग), सुभाज्योति सामंत (रसायन विज्ञान विभाग) और विन्नी घई (मेकेनिकल इंजीनियरिग) शामिल हैं।