लोगों तक पहुंचाए जाएंगे हाइजीनिक खाद्य पदार्थ, सेहत विभाग ने शुरू की ऑनलाइन ट्रेनिग
चटपटा खाने के शौकीन और लजीज व्यंजनों के लिए हमेशा ही लालायित रहने वालों ने बेशक कभी अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले संजीदगी नहीं दिखाई लेकिन कोरोना काल के बीच अब पहले जैसी चहल पहल और लोगों की उमंग फास्ट फूड कार्नरों रेस्टोरेंट के बाहर दिखाई नहीं देती।
जागरण संवाददाता, रूपनगर: चटपटा खाने के शौकीन और लजीज व्यंजनों के लिए हमेशा ही लालायित रहने वालों ने बेशक कभी अपने स्वास्थ्य को लेकर पहले संजीदगी नहीं दिखाई लेकिन कोरोना काल के बीच अब पहले जैसी चहल पहल और लोगों की उमंग फास्ट फूड कार्नरों, रेस्टोरेंट के बाहर दिखाई नहीं देती। इसकी वजह केवल कोरोना की वजह से लोगों में जान को जोखिम से बचाने को लेकर एहयितायत ही कहा जा सकता है। इधर, स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना संकट के बाद लोगों के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा संजीदगी दिखाने के मूड़ में है। अब तक बेशक स्वास्थ्य विभाग अपनी ड्यूटी करता आ रहा था लेकिन अब स्थिति और करवट ले रही है और स्वास्थ्य विभाग के आगे भी चुनौतियां हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सबसे पहली चुनौती फूड सेफ्टी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड दुकानदारों, व्यापारियों और खाद्य पदार्थों के निर्माण व बिक्री से जुड़ी फर्मों के मालिकों को कोरोना के लिए तैयार करने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत दो घंटे की ऑनलाइन ट्रेनिग का बंदोबस्त किया गया है। जल्द ये ट्रेनिग दिलानी शुरू कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में 3100 के आसपास दुकानदार फूड सेफ्टी एक्ट के तहत लाइसेंस धारक हैं। इनमें 700 के आसपास ऐसे दुकानदार व व्यापारी हैं जिनकी वार्षिक आय 12 लाख से ज्यादा है। बाकी की आय वार्षिक 12 लाख से कम है। जिले में पिछले साल के दौरान जिले में 125 के आसपास मामलों में 14 लाख जुर्माना सब स्टैंडर्ड और मिलावट के मामलों में हो चुका है। जबकि दस ऐसे हैं जिनकी सुनवाई रूपनगर की अदालतों में विचाराधीन हैं।
हाईजीनिक तरीके अपनाने के लिए दी जा रही ट्रेनिग: सुखराव सिंह
रूपनगर के सहायक जिला फूड सेफ्टी कमिश्नर सुखराव सिंह ने कहा कि ट्रेनिग प्रोग्राम में मास्क पहनने के तरीके, खाद्य पदार्थों को हाइजीनिक बनाने के अलावा लोगों तक सर्वे करने और पैकिग को लेकर ट्रेनिग दी जा रही है। जो फसलों में अत्याधिक कीटनाशक और रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।