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नहर पार होने का दंश झले रहे घट्टीवाल वास के लोग, नहीं डाल पाएंगे वोट

इन दिनों जहां पूरे प्रदेश में जहां ग्राम पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मी जोरों पर है, वहीं गांव घट्टीवाल वास ऐसा गांव है जहां कोई चहल पहल नहीं है। जी हां, न तो इस गांव में सर्वसम्मति हुई है न ही पंचायत चुनाव का कोई माहौल है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 10:00 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 10:00 PM (IST)
नहर पार होने का दंश झले रहे घट्टीवाल वास के लोग, नहीं डाल पाएंगे वोट

निखिल टंडन, शिव शंकर, कीरतपुर साहिब

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इन दिनों जहां पूरे प्रदेश में जहां ग्राम पंचायत चुनावों को लेकर सरगर्मी जोरों पर है, वहीं गांव घट्टीवाल वास ऐसा गांव है जहां कोई चहल पहल नहीं है। जी हां, न तो इस गांव में सर्वसम्मति हुई है न ही पंचायत चुनाव का कोई माहौल है। गांव घट्टीवाल वास में रहने वाले लोगों के वोट ही किसी पंचायत के साथ नहीं हैं , जिस कारण गांव के लोग अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल इस बार पंचायत चुनावों में नहीं कर पाएंगे। ऐसा हुआ है कीरतपुर साहिब नगर पंचायत के गठन की प्रक्रिया के दौरान। इसे पहले नगर पंचायत में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन बाद में इस समेत दो गांवों को नगर पंचायत में दूर होने की वजह से शामिल नहीं किया गया। बाद में दूसरे गांव दब्बवाली बास को तो बरूवाल ग्राम पंचायत में शामिल कर दिया गया, लेकिन घट्टीवाल वास फिर अनदेखी का शिकार हो गया। कीरतपुर साहिब की नगर पंचायत से करीब दो वर्ष पहले बाहर किए गए गांव जिओवाल के घट्टीवाल वास के वासियों की वोटें किसी भी गांव में न होने के कारण इस वास के लोग इस बार पंचायत चुनावों के दौरान वोट डालने के अधिकार से वंचित रह जाएंगे। किसी भी गांव के साथ न जोड़ने व वोटें न बनाए जाने के कारण इस वास के वासियों में जिला प्रशासन के प्रति गहरा रोष पाया जा रहा है। गांव जिओवाल घट्टीवाल वास के वासियों अजमेर ¨सह, करनैल ¨सह, गुरबचन ¨सह, सिकंदर ¨सह, मोहन ¨सह, पर¨वदर ¨सह, तारा ¨सह, बुद्ध ¨सह, मंगल ¨सह, केवल ¨सह, जगतार ¨सह, मनजीत ¨सह, मलकीयत ¨सह ने बताया कि जब देश स्वतंत्र हुआ था तो उसी समय से घट्टीवाल वास गांव जिओवाल पंचायत के साथ जुड़ा हुआ था। उनके घर भाखड़ा नहर और आनंदपुर साहिब हाइडल चैनल नहर से पार हैं। वे अपने घरों से आने जाने के लिए गांव जिओवाल व भटोली से नहरों को पारकर पैदल ही जंगल के कच्चे रास्ते या दूसरे गांव बरूवाल से कच्चे रास्ते का प्रयोग करते हैं। गौर हो कि अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार द्वारा कीरतपुर साहिब के सर्वपक्षीय विकास करवाने के नाम पर मई 2013 में गांव जिओवाल सहित पांच गांवों की पंचायतों को भंग कर दिया गया था और नगर पंचायत कीरतपुर साहिब का गठन किया गया था। उस समय गांव जिओवाल के घट्टीवाल व दब्बवाली वास को भी नगर पंचायत कीरतपुर साहिब के साथ जोड़ा गया था। लेकिन बाद में आज से करीब दो वर्ष से पहले गांव जिओवाल के घट्टीवाल वास, दब्बवाली वास को यह कहते हुए नगर पंचायत से अलग कर दिया गया कि यह नगर पंचायत से काफी दूरी पर हैं। इसलिए नहरों को पार कर इनका विकास करवाना असंभव है। पहले बोले बरूवाल के साथ है गांव, फिर वोटें ही नहीं बनाईं गांववासियों ने बताया कि नगर पंचायत कीरतपुर साहिब में अलग करने के उपरांत उन्हें गांव बरूवाल की पंचायत के साथ जोड़ने के संबंध में अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई थी, लेकिन जब पंचायत चुनावों की घोषणा हुई तो उनकी वोटें गांव बरूवाल में नहीं बनाई गई। जबकि दब्बवाली वास के वासियों की वोट गांव बरूवाल में बना दी गई हैं। घट्टीवाल वास की 75 के करीब वोटें घट्टीवाल वास के वासियों ने बताया कि उनके वास में 18 के करीब रविदासी भाइचारे के घर हैं और 75 के करीब जनसंख्या है। 18 वर्ष से अधिक 50 के करीब वोटें हैं। इसके अलावा 6 घर गुज्जर भाइचारे के लोगों के हैं, जिनकी 20-25 के करीब वोटें हैं। लेकिन उनके वास की वोटें किसी भी ओर नहीं बनाई गई हैं।

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग घट्टीवाल वास के लोगों ने कहा कि पंचायत चुनावों में अब मात्र एक दिन ही रह गया है। इसलिए इतनी जल्दी उनकी वोटें बनना काफी मुश्किल है। उन्होंने पंजाब सरकार से नजरअंदाज किए जाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। .. कोई तो सुने हमारी घट्टीवाल वास के वासियों ने मांग की है कि उनके वास को या तो नगर पंचायत कीरतपुर साहिब में दोबारा शामिल किया जाए या फिर उनके वास की अलग पंचायत बनाई जाए ताकि उनके वास का भी सर्वपक्षीय विकास हो सके। एसडीएम कार्यालय से संपर्क करना चाहिए था लोगों को: बीडीपीओ आनंदपुर साहिब दर्शन ¨सह ने कहा कि वोटें बनाने का काम एसडीएम कार्यालय का है। इसलिए घट्टीवाल वास के वासियों को एसडीएम कार्यालय के साथ संपर्क करना चाहिए था। उनके विभाग का वोटें बनाने या काटने में कोई भूमिका नहीं होती। पंचायत चुनाव के बाद ही होगा मसले का हल एसडीएम आनंदपुर साहिब हरबंस ¨सह ने कहा कि इस समय 100 के करीब लोग पंचायत चुनावों के संबंध में अपनी समस्याओं को लेकर उनके पास आ रहे हैं। अब इस समय इस गांव के लोगों की वोटें बनाना काफी मुश्किल है। इस संबंधी पंचायत चुनावों के बाद ही उनके साथ बात की जाए।


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