Move to Jagran APP

बारिश की फुहारों के बीच भी कम नहीं हुआ भक्तों का उत्साह

सुभाष शर्मा नंगल शहर में चल रहे श्री गणेश उत्सव के दौरान वीरवार को बारिश की हल्की फु

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 04:20 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 04:20 PM (IST)
बारिश की फुहारों के बीच भी कम नहीं हुआ भक्तों का उत्साह

सुभाष शर्मा, नंगल

loksabha election banner

शहर में चल रहे श्री गणेश उत्सव के दौरान वीरवार को बारिश की हल्की फुहारों के बीच भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। हर बार की भांति इस बार भी विभिन्न जगहों पर आयोजित कार्यक्रमों के आयोजनों से गणपति बप्पा की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए निकाली शोभायात्राओं से वातावरण भक्ति रस से सराबोर बना रहा। रंगों की बौछारों के बीच ढोल नगाड़ों से किए गणपति बप्पा के गुणगान से शोभायात्राएं आकर्षण का केंद्र रहीं। धार्मिक कार्यक्रमों के तहत प्रतिष्ठापित की गई श्री गणेश जी की मूर्तियों को नंगल डैम की सतलुज झील में विसर्जित किया गया। अजौली मोड़ के शास्त्री मार्केट में सैकड़ों भक्तों ने गणपति बप्पा की प्रतिमा की अगुआई में सुंदर झांकियों के साथ रवाना होने से पहले हवन में पूर्णाहुति डालकर कार्यक्रम को विश्राम दिया। इस दौरान गणपति बप्पा से अगले बरस जल्दी आने का भी आग्रह किया गया। शहर के विभिन्न स्थानों नया नंगल, अड्डा मार्केट, गुरु तेग बहादुर मार्केट तथा स्टाफ क्लब मार्ग स्थित शोभायात्राओं का स्वागत किया गया। शोभायात्रा नया नंगल, नंगल-चंडीगढ़ मार्ग आदि स्थानों से होते हुई सतलुज दरिया के तटवर्ती श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंची। भक्तों ने गणपति बप्पा मोरया-गणपति बप्पा मोरया के दिव्य स्वरों का एक कंठ में उच्चारण कर मूर्तियों का विसर्जन किया। कार्यक्रम में श्री गणेश उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रवीन द्विवेदी, राजेंद्र सोनी, राजन सोनी, अरविंद जोशी, दर्शन अबरोल, पवन गौतम, विकास चौहान, गुलशन कुमार, डॉ. राकेश संदल भी शामिल थे। वहीं सुभाष पुरी, निर्मल कुमार, जगदीश माणां, जय पाल, अनुराग शारदा, सुलेश कुमार, बहादुर सिंह, कर्ण राणा आदि सहित बड़ी संख्या में भक्तजनों का घाट पर पहुंचने पर श्री सनातन धर्म सभा के प्रधान रमेश गुलाटी की ओर से भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान बुधवार देर रात त्रिमूर्ति महालक्ष्मी संस्थान समतैहण के नीम वाले बाबा पवित्राचार्य जी महाराज ने भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए सभी को संस्कारवान बनाने के लिए वेद ग्रंथों पर आधारित शिक्षाओं के प्रवचन दिए। स्वामी जी ने 'हरि ओम तत्सत जय गुरुदत्त' के दिव्य शब्दों का उच्चारण करके सभी को दिव्य आनंद की अनुभूति करवाते कहा कि प्रभु का नाम ही एक ऐसा साधन है, जो मनुष्य को बुद्धिमता व संस्कार प्रदान कर सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.